Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 May, 2021 04:43 PM
अमेरिका की सबसे बड़ी तेल पाइपलाइन Colonial Pipeline पर साइबर अटैक हुआ है। देश के पूर्वी तट के लिए 45 फीसदी डीजल, पेट्रोल और जेट फ्यूल की सप्लाई इसी पाइपलाइन के जरिए होती है। इससे रोजाना 25 लाख बैरल फ्यूल की आपूर्ति होती है।
बिजनेस डेस्कः अमेरिका की सबसे बड़ी तेल पाइपलाइन Colonial Pipeline पर साइबर अटैक हुआ है। देश के पूर्वी तट के लिए 45 फीसदी डीजल, पेट्रोल और जेट फ्यूल की सप्लाई इसी पाइपलाइन के जरिए होती है। इससे रोजाना 25 लाख बैरल फ्यूल की आपूर्ति होती है। शुक्रवार को हुए साइबर हमले के बाद इसका सारा कामकाज बंद हो गया है और सर्विस को फिर से बहाल करने की कोशिश की जा रही है। इससे दुनियाभर में तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे तेल की कीमतों में 2 से 3 फीसदी तेजी आ सकती है। अगर इसमें ज्यादा समय लगता है तो स्थिति और बदतर हो सकती है। इंडिपेंडेंट ऑयल मार्केट एनालिस्ट गौरव शर्मा के मुताबिक टैक्सस की रिफाइनरियों में बड़ी मात्रा में तेल फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार तक स्थिति सामान्य नहीं हुई तो बड़ा संकट पैदा हो सकता है। माना जा रहा है कि इस घटना का असर भारत पर भी होगा और पेट्रोल-डीजल की कीमत के साथ-साथ गैस की कीमत में उछाल आ सकती है।
हैकर्स ने 100GB डेटा चुराया
इस साइबर अटैक का आरोप डार्कसाइड नाम की साइबर अपराधियों की गैंग पर लग रहा है। इन्होंने कोलोनियल कंपनी के नेटवर्क को हैक कर लिया और करीब 100GB डेटा चुरा लिया। हैकर्स ने कुछ कंप्यूटरों को लॉक करके फिरौती भी मांगी है। फिरौती न मिलने पर डेटा को इंटरनेट पर लीक करने की धमकी दी है।