Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jan, 2023 04:13 PM
वित्त मंत्रालय का सख्त निर्देश आने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने फील्ड अधिकारियों से कहा है कि वे ग्राहकों को बीमा उत्पाद गलत ढंग का इस्तेमाल करते हुए दबाव डालकर न बेचें। कुछ दिन पहले, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के...
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय का सख्त निर्देश आने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने फील्ड अधिकारियों से कहा है कि वे ग्राहकों को बीमा उत्पाद गलत ढंग का इस्तेमाल करते हुए दबाव डालकर न बेचें। कुछ दिन पहले, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे गए निर्देश में कहा था कि वे ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार' पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने पर ध्यान दें।
मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा था कि बैंकों और जीवन बीमा कंपनियों द्वारा बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जाने को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं। इस संदर्भ में एसबीआई ने अपने सभी मुख्य महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में कहा है कि फील्ड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शाखाएं बीमा उत्पादों की बिक्री जरूरत के आधार पर करें तथा 'उपयुक्तता और उपयुक्तता रूपरेखा के आकलन' (एएसएएफ) का कड़ाई से अनुपालन करें।
डीएफएस ने अपने पत्र में कहा था कि दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेचे जाने के मामले भी सामने आए हैं। आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी अनुषंगी बीमा कंपनियों के उत्पादों का प्रचार-प्रसार करती हैं। जब बैंकों के ग्राहक उनकी पॉलिसी लेने से इनकार कर देते हैं तो शाखा अधिकारी उन्हें ऊपर से दबाव आने का हवाला देते हुए अपना बचाव करते हैं। जब ग्राहक किसी प्रकार का ऋण लेने या सावधि जमा खरीदने जाते हैं, तो उन्हें बीमा उत्पाद लेने को कहा जाता है। इस संबंध में वित्तीय सेवा विभाग ने पहले ही एक परिपत्र जारी कर यह सलाह दी है कि किसी बैंक को किसी खास कंपनी से बीमा लेने के लिए ग्राहकों को मजबूर नहीं करना चाहिए।