Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Aug, 2022 08:50 AM
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1,200 साल पुराने हिंदू मंदिर को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराकर औपचारिक रूप से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। एक संघीय निकाय ने बताया कि एक ईसाई परिवार
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लाहौर (एजैंसी) : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1,200 साल पुराने हिंदू मंदिर को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराकर औपचारिक रूप से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। एक संघीय निकाय ने बताया कि एक ईसाई परिवार से लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इस मंदिर को खाली कराया गया।
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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल रहे संघीय निकाय निष्क्रांत न्यास संपत्ति बोर्ड (ईटीपीबी) ने लाहौर के प्रसिद्ध अनारकली बाजार स्थित वाल्मीकि मंदिर का कब्जा पिछले महीने अपने हाथ में लिया। इस पर गत दो दशक से एक ईसाई परिवार का कब्जा था। कृष्ण मंदिर के अलावा वाल्मीकि मंदिर लाहौर का एकमात्र मंदिर है, जिसमें इस समय पूजा अर्चना हो रही है।
हिंदू होने का दावा कर रहा ईसाई परिवार
मंदिर पर कब्जा करने वाला ईसाई परिवार दावा कर रहा था कि उसने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है और गत दो दशक से हिंदू धर्म के केवल वाल्मीकि जाति के लोगों को ही पूजा अर्चना की अनुमति दे रहा था। ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि वाल्मीकि मंदिर का बुधवार को आधिकारिक उद्घाटन किया गया। इस मौके पर करीब 100 हिंदुओं के साथ-साथ कुछ सिख, ईसाई और मुस्लिम नेता मौजूद थे। हाशमी ने कहा कि हिंदू श्रद्धालुओं ने मंदिर पर कब्जा पाने के बाद से पहली बार उसमें धार्मिक अनुष्ठान किया और लंगर का आयोजन किया। वाल्मीकि मंदिर का आने वाले दिनों में मास्टर प्लान के अनुरूप पूरी तरह से पुनरुद्धार किया जाएगा।