Jyeshta vinayak chaturthi: आज है ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी, पढ़ें पूरी Information

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 May, 2023 11:03 AM

jyeshta vinayak chaturthi

ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि 22 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 24 मई को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन

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Jyeshta vinayak chaturthi vrat 2023 date shubh muhurta and significance: ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि 22 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 24 मई को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 23 मई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार साल 2023 में ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी 23 मई को है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। इन्हें गजानन, लंबोदर, विनायक, विघ्नहर्ता, एकदन्त, रिद्धि-सिद्धि के दाता, गजनायक आदि नामों से संबोधित किया जाता है।

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मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अतः साधक विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के निमित्त व्रत उपवास रखकर श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। आइए, जानें पूजा विधि-

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Jyeshta Vinayak Chaturthi Shubh Muhurta शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि 22 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 24 मई को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 23 मई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद घर की साफ-सफाई कर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर व्रत संकल्प लें। अब सबसे पहले सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, भगवान गणेश की पूजा पीले फल, पीले फूल, धूप, दीप, अक्षत, चंदन, दूर्वा आदि चीजों से करें। भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। अतः प्रसाद में मोदक अवश्य भेंट करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें-

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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

दिन भर उपवास रखें। व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकते हैं। शाम में आरती अर्चना कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा पाठ संपन्न कर व्रत खोलें। व्रत खोलने से पहले जरूरतमंदों को अन्न का दान अवश्य करें।

Jyeshta Vinayak Chaturthi Vrat Significance विनायक चतुर्थी महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है, जो किसी भी अन्य भगवान से पहले सबसे पहले पूजे जाते हैं। उन्हें जीवन से सभी बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। बड़ी संख्या में भक्त भगवान गणेश का सम्मान करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस शुभ दिन पर उपवास करते हैं और प्रार्थना करते हैं। वे मंदिर जाते हैं और भगवान गणपति से आशीर्वाद लेते हैं।

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ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करके भक्त सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं। जो लोग बुरे दौर से गुजर रहे हैं या जीवन में असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस व्रत का पालन करना चाहिए और भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, पीले वस्त्र और मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड राष्ट्रीय गौरव रत्न से विभूषित
पंडित सुधांशु तिवारी
panditsudhanshutiwariji@gamil.com
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