Kedarnath Dham: केदारनाथ के कपाट खुलने की घड़ी नजदीक, जानें कब पहुंचेगी डोली ?

Edited By Updated: 01 May, 2025 12:24 PM

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चारधाम यात्रा का प्रमुख हिस्सा भी है।

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Kedarnath Dham: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चारधाम यात्रा का प्रमुख हिस्सा भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए कठिन पर्वतीय मार्ग तय करते हैं। लेकिन इससे पहले एक विशेष और दिव्य परंपरा होती है भोलेनाथ की पंचमुखी डोली यात्रा। यह यात्रा प्रकृति से एक आत्मिक जुड़ाव का अनुभव कराती है।

भोलेनाथ की पंचमुखी डोली यात्रा क्या है ?
जब सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तब भगवान शिव की पंचमुखी भोग मूर्ति को धाम से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित ऊखीमठ लाया जाता है। यहां भगवान ओंकारेश्वर के रूप में छह माह तक निवास करते हैं और नियमित पूजा-अर्चना होती है। जैसे ही वसंत ऋतु में यात्रा काल प्रारंभ होता है, वैसे ही भगवान की पंचमुखी डोली एक विशेष यात्रा के माध्यम से पुनः केदारनाथ लौटती है। यह यात्रा न केवल शिव भक्तों के लिए अत्यंत पावन होती ह, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण भी है। डोली यात्रा के दौरान भक्तगण ढोल-नगाड़ों, शंख और हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो जाते हैं।

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डोली यात्रा का मार्ग और पड़ाव
28 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे, ओंकारेश्वर मंदिर में भक्तिभाव से भरा माहौल देखने को मिला, जब भारतीय सेना के बैंड की आध्यात्मिक धुनों और जय बाबा केदार के नारों के बीच भगवान केदारनाथ की डोली को धाम के लिए रवाना किया गया। यात्रा की शुरुआत से पहले भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति को विधिपूर्वक पंचामृत से स्नान कराकर सुसज्जित डोली में विराजमान किया गया। इसके बाद पुजारियों, वेदपाठियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने डोली को कंधों पर उठाया और श्रद्धापूर्वक यात्रा के लिए प्रस्थान कराया। इस पावन क्षण के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में एकत्रित हुए थे।

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ओंकारेश्वर मंदिर से डोली की शुरुआत हो गई और गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में विश्राम करने के बाद आज 1 मई को डोली पावन केदारनाथ धाम पहुंच जाएगी। कुल मिलाकर डोली को केदारनाथ पहुंचने के लिए चार दिनों का समय लगा।

2 मई को खुलेंगे बाबा के कपाट
श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है कि बाबा केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 2 मई को प्रातः लगभग 7 बजे शुभ मुहूर्त में खोले जाएंगे। इसके साथ ही आगामी छह महीनों तक भक्तगण भगवान केदारनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे। कपाट खुलने की इस शुभ घड़ी के दो दिन बाद, 4 मई को जब बद्रीनाथ धाम के द्वार भी श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे, तब से चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा।

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