Narak Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी की रात इन जगहों पर लगता है अघोरियों का मेला

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Nov, 2023 06:56 AM

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पंचांग के अनुसार दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को नरक चौदस, काली चौदस आदि नामों से भी जाना जाता है। इस

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Narak Chaturdashi: पंचांग के अनुसार दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को नरक चौदस, काली चौदस आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष तौर पर मां काली, मृत्यु के देवता यमदेव और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है। ये पर्व 11 नवंबर यानी आज मनाया जाएगा। कहते हैं इन देवी-देवताओं के नाम से अगर दीपक जलाया जाए तो कभी भी जीवन में दुःख का सामना नहीं करना पड़ता। दिवाली के तरह आज के दिन मंदिरों में दीपक जलाने का विधान है। वहीं आपको बता दें कि भारत में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां अनंत चतुर्दशी की शाम को सिर्फ अघोरियों को ही प्रवेश मिलता है। ये कहा जा सकता है कि आम जनता का नरक चौदस की शाम के समय इन मंदिरों में जाना वर्जित है। तो चलिए आपकी जिज्ञासा को दूर करने के लिए जानते हैं उन मंदिरों में बारे में जहां शाम ढ़लते ही सब कुछ बदलते लगता है।

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Betal Mandir Odisha बेताल मंदिर, ओडिशा
यह मंदिर 8वीं सदी से भुवनेश्वर में मौजूद है। यहां मां चामुण्डा की मूर्ति स्थापित है। वैसे तो मां के दर्शन के लिए कोई भी इस मंदिर में जा सकता लेकिन  नरक चतुर्दशी की रात इस मंदिर में सिर्फ अघोरियों को ही प्रवेश मिलता है। वहीं आम व्यक्तियों का इस मंदिर में जाना वर्जित होता है।

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Baijnath Temple, Himachal Pradesh बैजनाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में बसा महादेव का ये मंदिर बहुत ही मशहूर है। दूर-दूर से भक्त इसे देखने के लिए आते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव शंकर का प्रसिद्ध वैधनाथ लिंग स्थापित है। ये मंदिर तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त है। नरक चतुर्दशी यानी आज के दिन इस मंदिर में सिर्फ अघोरियों को ही एंट्री मिलती है।

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Kalighat Temple, Kolkata कालीघाट, कोलकाता
कोलकाता की इस जगह पर सती माता की उंगलियां गिरी थी। इस वजह से कालीघाट का यह मंदिर तांत्रिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। काली चौदस के दिन इस जगह पर सिर्फ हर जगह अघोरी ही दिखाई देते हैं।

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Mata Jawala Ji Temple, Himachal Pradesh ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
मां ज्वालामुखी का ये मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बेहद ही ख़ास माना जाता है। इस मंदिर की एक ख़ास बात यह है कि इस जगह पर एक कुंड स्थित है जिसके अंदर का पानी देखने में उबलता हुआ लगता है लेकिन हाथ लगाने पर वो ठंडा होता है। वैसे तो रात में ये मंदिर बंद हो जाता है लेकिन आज के दिन खास तौर पर अघोरियों का यहां मेला लगता है।

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Shree Kaal Bhairav Mandir, Madhya Pradesh काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश
काल भैरव का ये मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है। अघोरी सिद्धियां प्राप्त करने के लिए ये मंदिर देशभर में जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर एक मान्यता है कि इसके दर्शन करने से अघोरी ही नहीं बल्कि आम व्यक्ति को भी सात्विक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। नरक चौदस की रात को यहां का नजारा देखने वाला होता है। आज के दिन यहां अघोरियों के अलावा कोई आम व्यक्ति दिखाई नहीं देता।  

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