Skand Shashthi: अपनी संतान की सलामती के लिए आज हर मां करे ये पूजा और पढ़े कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Feb, 2023 07:35 AM

skand shashthi

स्कंद षष्ठी का दिन महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है। दक्षिण भारत में इस व्रत का बहुत महत्व है। इ

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Skand Shashthi 2023: स्कंद षष्ठी का दिन महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है। दक्षिण भारत में इस व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन माताएं संतान की लम्बी आयु और उनकी इच्छा पूर्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। आज के दिन समस्त शिव परिवार की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करने से संतान के जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर भाग जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति सुख-समृद्धि, समाज में मान-प्रतिष्ठा चाहता है तो ये व्रत उन लोगों के लिए बहुत खास है लेकिन शायद ही कई लोगों को इस व्रत की कथा पता है। तो आइए जानते हैं क्यों रखा जाता है ये व्रत और क्या है इसके पीछे की कथा।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें  

Skanda Sashti katha स्कंद षष्ठी कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती के भस्म होने के बाद भगवान शिव वैरागी हो गए। इस वजह से सारी सृष्टि शक्तिहीन हो गई। इस बात का फायदा उठाकर तारकासुर नामक दैत्य ने अपना आंतक मचाना शुरू कर दिया। उसने सारे देवताओं को युद्ध में हरा दिया। स्वर्ग, धरती हर जगह उसका साम्राज्य फैलने लगा।

इस प्रकोप से बचने के लिए सारे देवता ब्रह्मा जी के पास मदद मांगने पहुंचे। तब ब्रह्मा जी ने कहा कि सिर्फ शिव पुत्र ही इसका अंत कर सकेगा। पार्वती की तपस्या के बाद शिव और शक्ति के मिलन का दिन आया और उसके बाद कार्तिकेय का जन्म हुआ। ब्रह्मा जी के कथन के अनुसार भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया और देवताओं को उसके चंगुल से छुड़ा लिया।

कहते हैं षष्ठी तिथि पर कार्तिकेय का जन्म हुआ था इसलिए आज के दिन स्कंद षष्ठी का त्यौहार मनाया जाता है और कार्तिकेय की पूजा की जाती है।

Skanda Shashti Puja Method स्कंद षष्ठी पूजा विधि: पूजा के समय कार्तिकेय जी के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें। अपना मुंह दक्षिण दिशा की तरफ रखें। घी, दही, जल, पुष्प से पूजा करें और कलावा, हल्दी, अक्षत, चंदन, इत्र कार्तिकेय जी को चढ़ाएं।

पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें Mantra: देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं और पूजा में त्रुटि के लिए भगवान कार्तिकेय से क्षमा मांगे।

PunjabKesari kundli

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!