Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 Apr, 2025 07:04 AM

आज सुबह म्यांमार और भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में सुबह करीब 3 बजे धरती कांपी। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई और इसका केंद्र जमीन...
इंटरनेशनल डेस्क: आज सुबह म्यांमार और भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में सुबह करीब 3 बजे धरती कांपी। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई और इसका केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे रहा।
मेघालय में भी महसूस किए गए झटके
म्यांमार के बाद भारत के मेघालय राज्य में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। ईस्ट गारो हिल्स इलाके में सुबह-सुबह धरती हिलने लगी। भूकंप की तीव्रता 2.7 रही, और इसका केंद्र भी 10 किलोमीटर गहराई में रहा। हालांकि, किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।
लगातार आ रहे हैं झटके
बता दें कि 29 मार्च को म्यांमार में एक बड़ा भूकंप आया था जिसकी वजह से अब तक वहां कई छोटे-छोटे झटके महसूस किए जा चुके हैं। बीते दिन भी म्यांमार में 4.0 तीव्रता वाला भूकंप दर्ज किया गया था। लगातार आ रहे झटकों के कारण स्थानीय लोगों में डर बना हुआ है।
NCS की नजर लगातार बनी हुई है
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी पूरे क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये झटके आफ्टरशॉक्स हो सकते हैं जो पहले आए बड़े भूकंप के कारण हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और अफवाहों से दूर रहने को कहा है।
लोगों में डर, लेकिन स्थिति नियंत्रण में
भूकंप के बाद ईस्ट गारो हिल्स और म्यांमार दोनों ही जगहों पर लोग काफी सहमे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने साफ किया है कि हालात नियंत्रण में हैं और भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। फिर भी लोग रात के समय डर के मारे सतर्कता बरत रहे हैं।
अफवाहों से रहें सावधान
विशेषज्ञों ने कहा है कि भूकंप की तीव्रता फिलहाल कम थी, लेकिन अफवाहों से बचना जरूरी है। लोगों से अपील की गई है कि वे केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें और सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों से दूर रहें।
क्या है अफ्टरशॉक्स का मतलब?
जब किसी इलाके में बड़ा भूकंप आता है तो उसके बाद धरती में हलचल जारी रहती है। इसे ही आफ्टरशॉक्स कहा जाता है। ये झटके छोटे होते हैं लेकिन कभी-कभी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी होती है।