Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Mar, 2023 08:46 AM
अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है कि H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी अमेरिका में काम कर सकते हैं। अमेरिका की जिला न्यायाधीश तान्या चटकन ने ‘Save Jobs USA' द्वारा दायर...
वाशिंगटन: अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है कि H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी अमेरिका में काम कर सकते हैं। अमेरिका की जिला न्यायाधीश तान्या चटकन ने ‘Save Jobs USA' द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के विनियम को खारिज करने का अनुरोध किया गया था। इस विनियम के तहत H-1B वीजा धारकों की कुछ श्रेणियों के जीवनसाथियों को रोजगार प्राधिकरण कार्ड दिया जाता है।
Amazon, Apple, Google and Microsoft जैसी Technology कंपनियों ने मुकदमे का विरोध किया था। इस विनियम के तहत अमेरिका ने अब तक लगभग 1,00,000 H-1B कर्मचारियों के जीवनसाथियों को काम का अधिकार दिया है, जिनमें काफी बड़ी संख्या में भारतीय हैं। न्यायाधीश तान्या चटकन ने अपने आदेश में कहा कि ‘Save Jobs USA' का पहला तर्क यह है कि कांग्रेस ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी को कभी एच-4 वीजा धारकों जैसे विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने के दौरान काम करने की अनुमति नहीं दी है।
न्यायाधीश ने कहा कि कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से और सोच-समझकर अमेरिका सरकार को अधिकार दिया है कि वह अमेरिका में H-4 जीवनसाथी के रहने की अनुमेय शर्त के रूप में रोजगार को अधिकृत करे। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रमुख नेता एवं आयोग के सदस्य अजय जैन भुटोरिया ने न्यायाधीश के फैसले का स्वागत किया है। H-1B वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां खासकर प्रौद्यगिकी क्षेत्र में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं।