ईरान ने रूस को छोड़ा, अब चीन के साथ रक्षा समझौते की तैयारी

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 10:30 AM

iran left russia now preparing for defense agreement with china

ईरान ने रूस को अपना भरोसेमंद रक्षा साथी मानना बंद कर दिया है और अब चीन के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करने की दिशा में बढ़ रहा है। इस बदलाव ने विश्व राजनीति और सुरक्षा के माहौल को हिला दिया है। आइए जानते हैं इस नए रुख के पीछे की वजहें और इसका...

नेशनल डेस्क: ईरान ने रूस को अपना भरोसेमंद रक्षा साथी मानना बंद कर दिया है और अब चीन के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करने की दिशा में बढ़ रहा है। इस बदलाव ने विश्व राजनीति और सुरक्षा के माहौल को हिला दिया है। आइए जानते हैं इस नए रुख के पीछे की वजहें और इसका प्रभाव। ईरान ने पिछले कई वर्षों से रूस को अपना मजबूत और भरोसेमंद सहयोगी माना था। लेकिन हाल ही में स्थिति बदल गई है। ईरान ने रूस को अविश्वसनीय सहयोगी बताते हुए उसकी नीतियों और समर्थन पर सवाल उठाए हैं। अब तेहरान चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहा है ताकि अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सके।

चीन के हथियारों को क्यों माना जा रहा है गेम-चेंजर?

विश्लेषकों का मानना है कि चीन के आधुनिक हथियार जैसे J-10C लड़ाकू जेट, HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (EW) सिस्टम ईरान के लिए बड़े बदलाव लेकर आ सकते हैं। ये सिस्टम ईरान की रक्षा शक्ति को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं और क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। चीन के ये हथियार रूस के मुकाबले अधिक प्रभावी और उन्नत माने जा रहे हैं।

 


ईरान-चीन रक्षा समझौते का संभावित असर

अगर ईरान और चीन के बीच यह रक्षा समझौता होता है तो इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्ते और मजबूत होंगे। इसके अलावा, यह मध्य पूर्व और आस-पास के देशों की सुरक्षा की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है। यह समझौता अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव आएगा।

 

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