एक ही परिवार के 10 लोगों ने किया सुसाइड, जांच में जुटी पुलिस

Edited By Updated: 06 Jul, 2025 07:24 PM

10 members of the same family committed suicide police engaged in investigation

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक ऐसा हृदय विदारक मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग न केवल स्तब्ध हैं, बल्कि उन पर विश्वास करना भी मुश्किल हो रहा है। दरअसल, एक ही परिवार में पिछले 17 सालों में 10 लोगों ने आत्महत्या कर ली है।

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक ऐसा हृदय विदारक मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग न केवल स्तब्ध हैं, बल्कि उन पर विश्वास करना भी मुश्किल हो रहा है। दरअसल, एक ही परिवार में पिछले 17 सालों में 10 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। शुक्रवार को इसी परिवार के 18 वर्षीय युवक जितेंद्र ने पेड़ से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी, जिसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

जामुन खाने की कहकर घर से निकला...

घटना मैनपुरी के बेर थाना क्षेत्र के सकत गांव की है। जितेंद्र सुबह करीब 10 बजे अपनी बहन का दुपट्टा लेकर जामुन खाने की बात कहकर घर से निकला था। उसने कहा था कि धूप ज़्यादा है इसलिए दुपट्टा ले जा रहा है और थोड़ी देर में लौट आएगा। लेकिन जब शाम तक वह वापस नहीं लौटा तो उसके पिता रामबरन और दादा हीरालाल ने उसकी तलाश शुरू की। दोपहर करीब 2 बजे सूचना मिली कि पास के गांव दहेड़ के बाहर सतेंद्र के खेत में एक कंज के पेड़ पर उसका शव बहन के दुपट्टे के सहारे लटका हुआ है। यह सुनते ही घर में चीख-पुकार मच गई। मां सहित पूरे परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

5 महीनों में चौथी आत्महत्या

  • यह घटना इस परिवार के लिए कोई नई नहीं है। जानकारी के अनुसार, पिछले पांच महीनों में यह परिवार में आत्महत्या का चौथा मामला है।
  • 21 दिन पहले: जितेंद्र के चाचा बलवंत ने फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली थी।
  • 4 महीने पहले: जितेंद्र की सगी बहन सौम्या ने घर में ही फंदे से लटककर जान दे दी थी।
  • साढ़े चार महीने पहले: जितेंद्र के चचेरे बाबा शेर सिंह ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
  • अब शुक्रवार को: 18 वर्षीय जितेंद्र ने भी फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

जितेंद्र की मां बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हो गईं। वह जमीन पर हाथ पटकते हुए और सिर पीटते हुए कह रही थीं, "भगवान ने मेरे लल्ले को क्यों उठा लिया? थोड़े दिन पहले ही बिटिया भी चली गई, मेरा देवर भी चला गया और कितने लोग मरेंगे?"

10 साल में 7, 17 साल में 10 मौतें

जितेंद्र की मौत से ठीक 21 दिन पहले उसके चाचा बलवंत ने फंदे पर लटककर आत्महत्या की थी। लेकिन यह सिलसिला बहुत पुराना है। परिवार में आत्महत्या की घटनाओं का भयावह इतिहास है:

  • 2020 (5 साल पहले): जितेंद्र के चाचा मनीष ने फांसी लगाकर जान दी थी।
  • 2017 (8 साल पहले): जितेंद्र के दूसरे चाचा पिंटू ने आग लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
  • 2015 (10 साल पहले): जितेंद्र के चाचा संजू ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी।

इनके अलावा, परिवार में सूरजपाल, महिपाल और रामसिंह भी 2008 से 2015 के बीच आत्महत्या कर चुके हैं। गांव के लोगों का कहना है कि पता नहीं इस परिवार में क्या अनहोनी हो रही है। बीते 10 साल में ही 7 लोग अपनी जान दे चुके हैं, जबकि 2008 से लेकर 2025 तक यानी 17 साल में कुल 10 लोगों ने आत्महत्या की है। एक ही परिवार में इतनी बड़ी संख्या में आत्महत्याओं से पूरा गांव दहशत में है।

पुलिस जांच में जुटी

सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं। पुलिस के मुताबिक, शव जमीन से करीब 7 फीट ऊपर लटका हुआ था। प्राथमिक जांच में यह मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। मृतक के भाई गजेंद्र ने थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि इन लगातार हो रही आत्महत्याओं के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।

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