भारतीय सेना को जल्द मिलेगा नया एयर डिफेंस सिस्टम, दुश्मन की हर हवाई हरकत होगी नाकाम

Edited By Parminder Kaur,Updated: 10 Jun, 2025 10:04 AM

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भारतीय सेना को जल्द ही एक नया और बेहद शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है। इससे दुश्मन के किसी भी मिसाइल या ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसते ही मार गिराया जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना के लिए 'क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल' (QR-SAM)...

नेशनल डेस्क. भारतीय सेना को जल्द ही एक नया और बेहद शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है। इससे दुश्मन के किसी भी मिसाइल या ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसते ही मार गिराया जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना के लिए 'क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल' (QR-SAM) प्रणाली की तीन रेजिमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। यह एक स्वदेशी (भारत में बनी हुई) प्रणाली है और इस सौदे की अनुमानित कीमत 30,000 करोड़ रुपये होगी।

30,000 करोड़ रुपये की डील को जल्द मिलेगी मंजूरी

रक्षा मंत्रालय इस 30,000 करोड़ रुपये की मिसाइल सिस्टम डील को जल्द ही मंजूरी देने वाला है। यह बड़ा फैसला भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम को और भी ज्यादा मजबूत बनाने के लिए लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) इस महीने के अंत तक इस अत्यधिक मोबाइल QR-SAM सिस्टम के लिए 'आवश्यकता की स्वीकृति' (Acceptance of Necessity - AoN) देने पर विचार करेगी। इस सिस्टम को 25-30 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद लिया गया महत्वपूर्ण फैसला

यह महत्वपूर्ण कदम 'ऑपरेशन सिंदूर' के तुरंत बाद उठाया जा रहा है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के मौजूदा बहुस्तरीय वायु रक्षा नेटवर्क ने पाकिस्तान द्वारा छोड़े गए तुर्की मूल के ड्रोनों और चीनी मिसाइलों की कई लहरों को सफलतापूर्वक विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रदर्शन के बाद इस नई प्रणाली की आवश्यकता और भी महसूस हुई।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना ने पिछले 3-4 सालों में कई हवाई लक्ष्यों के खिलाफ QR-SAM सिस्टम के कई परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन प्रणालियों को युद्ध के मैदान में हवाई सुरक्षा प्रदान करने के लिए टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के साथ चलने के लिए तैयार किया गया है। यह उन्हें युद्ध क्षेत्र में सेना के साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाता है।

भारतीय सेना की वायु रक्षा (Army Air Defence - AAD) ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान शानदार प्रदर्शन किया था, जिसको QR-SAM की 11 रेजिमेंटों की आवश्यकता है। इसके साथ ही यह धीरे-धीरे स्वदेशी 'आकाश' मिसाइल प्रणाली की रेजिमेंटों को भी अपनी सेना में शामिल कर रहा है।

क्या होगा फायदा?

QR-SAM प्रणालियों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना और सेना के मौजूदा वायु रक्षा नेटवर्क में कई गुना इजाफा होगा। इस सिस्टम से मिलने वाले मुख्य फायदे ये हैं:

एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करना: QR-SAM एक ही समय में कई दुश्मन लक्ष्यों पर नज़र रख सकता है।

पूरी तरह से स्वचालित फायरिंग: यह प्रणाली पूरी तरह से स्वचालित (ऑटोमैटिक) फायरिंग के फैसले लेती है, जिससे यह बहुत तेज, सटीक और घातक हो जाती है।

किसी भी प्लेटफॉर्म से लॉन्च: इसे किसी भी प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है, चाहे वह ट्रक हो, बंकर हो या कोई मोबाइल यूनिट। यह इसकी तैनाती में लचीलापन प्रदान करता है।

इसके अलावा DRDO बहुत कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली (VSHORADS) भी तैयार कर रहा है, जिसकी रेंज 6 किलोमीटर होगी। यह भी भारतीय वायु रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा।

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