Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 May, 2025 12:04 AM

झारखंड के लोगों को 1 मई 2025 से बिजली के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। झारखंड राज्य बिजली विनियामक आयोग (JSERC) ने औसतन 6.34% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह फैसला बिजली आपूर्ति की लागत और आर्थिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
नेशनल डेस्क: झारखंड के लोगों को 1 मई 2025 से बिजली के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। झारखंड राज्य बिजली विनियामक आयोग (JSERC) ने औसतन 6.34% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह फैसला बिजली आपूर्ति की लागत और आर्थिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसका असर खासकर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो 200 यूनिट फ्री बिजली योजना के दायरे में नहीं आते।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बढ़े रेट
इस बार बिजली दरों में ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं दोनों के लिए बदलाव किया गया है। नई दरें कुछ इस तरह से तय की गई हैं:
इसका मतलब है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को 40 पैसे और शहरी उपभोक्ताओं को 20 पैसे प्रति यूनिट अधिक देना होगा।
किन उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा असर?
आयोग ने साफ किया है कि जो उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट तक बिजली उपयोग करते हैं और राज्य सरकार की फ्री बिजली योजना का लाभ ले रहे हैं, उन पर यह वृद्धि लागू नहीं होगी। झारखंड में कुल लगभग 46 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से करीब 40 लाख उपभोक्ता मुफ्त बिजली योजना के तहत आते हैं।
इसका मतलब है कि सिर्फ 6 लाख उपभोक्ताओं को ही इस दर वृद्धि का सीधा असर झेलना पड़ेगा।
JBVNL ने मांगी थी 40% की वृद्धि
दरअसल, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने बिजली दरों में 40.02% की भारी वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। लेकिन JSERC ने आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ न डालते हुए केवल 6.34% की स्वीकृति दी। आयोग के सदस्य महेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह फैसला राज्य की बिजली व्यवस्था की स्थिरता और लागत से मेल खाने के लिए जरूरी था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे राजस्व में सुधार होगा जिससे बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
क्यों बढ़ाई गई बिजली की दरें?
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बिजली उत्पादन और आपूर्ति की लागत में इजाफा
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राज्य की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की जरूरत
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इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए फंडिंग जरूरी
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बकाया बिल वसूली और वितरण नेटवर्क को सुधारने का प्रयास
क्या बोले उपभोक्ता?
दर वृद्धि की जानकारी मिलते ही कई उपभोक्ताओं ने नाराजगी जताई। खासकर शहरी क्षेत्र के मध्यमवर्गीय परिवारों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच बिजली दरों में यह बढ़ोतरी उनके बजट को और बिगाड़ सकती है।
क्या है सरकार की तैयारी?
राज्य सरकार का कहना है कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना जारी रहेगी जिससे ज्यादा उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। साथ ही, सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि बिजली आपूर्ति बाधित न हो और सर्विस क्वालिटी बेहतर हो।