Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jul, 2024 09:15 AM
गोल्ड खरीदने वालों के लिए एक बड़ी खबर आई है, सरकार ने गोल्ड बॉन्ड पर 38% कटौती का फैसला लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य निवेशकों को फिर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।
नेशनल डेस्क: गोल्ड खरीदने वालों के लिए एक बड़ी खबर आई है, सरकार ने गोल्ड बॉन्ड पर 38% कटौती का फैसला लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य निवेशकों को फिर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।
सरकार ने गोल्ड बॉन्ड पर 38% कटौती की है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। यह कटौती बांड की कीमत में या ब्याज दर में हो सकती है, जो निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि बेहतर विकल्पों के आने से निवेशकों की इसमें रुचि कम हो गई है। अब सरकार 2024-25 में 18,500 करोड़ का 'पेपर गोल्ड' जारी करने की योजना बना रही है।
अंतरिम बजट में 29,638 करोड़ का अनुमान लगाया गया था और 2023-24 में 26,852 करोड़ (संशोधित अनुमान) रखा गया था। अधिकारी ने बताया कि इसमें निवेशकों की मांग, अन्य निवेश प्रोडक्ट और ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितताएं शामिल हैं। फरवरी में अंतरिम बजट के बाद से स्थिति बदल गई है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत 2015 में हुई थी।
ILA कमोडिटीज इंडिया के डायरेक्टर हरीश गालिपेल्ली ने बताया कि कई बेहतर निवेश विकल्पों की उपलब्धता और गोल्ड बॉन्ड की तुलना में अधिक लाभदायक रिटर्न देने वाले विकल्पों के कारण निवेशकों की रुचि गोल्ड बॉन्ड में कम हो गई है।
हरीश गालिपेल्ली ने बताया कि कई रिटले निवेशक अब इक्विटी में अपना निवेश कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा। हरीश का कहना है कि निवेशक इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि पिछले कुछ वर्षों में तेजी के बाद सोने की कीमतें आगे बढ़ेगी या नहीं। सरकार ने 2015 के अंत में गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम शुरू की थीं।