Edited By Harman Kaur,Updated: 16 Jun, 2025 05:33 PM

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की धमक के बाद अब भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए जा रहे स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस MK-1A की पहली खेप की डिलीवरी अब जून के अंत तक शुरू हो जाएगी। HAL ने इस बात की पुष्टि की है...
नेशनल डेस्क: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की धमक के बाद अब भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए जा रहे स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस MK-1A की पहली खेप की डिलीवरी अब जून के अंत तक शुरू हो जाएगी। HAL ने इस बात की पुष्टि की है कि इंजन सप्लाई में हुई देरी के चलते डिलीवरी मार्च 2024 से टल गई थी, लेकिन अब वायुसेना को पहला विमान मिलने जा रहा है।
फरवरी 2021 में भारतीय वायुसेना और HAL के बीच 83 तेजस MK-1A विमानों की डील हुई थी, जिसकी कुल लागत करीब ₹48,000 करोड़ है। यह डील 2 चरणों में पूरी होगी—पहली खेप में 83 और दूसरी में 97 विमान शामिल हैं। एक तेजस MK-1A की कीमत करीब ₹315 करोड़ (लगभग 43 मिलियन डॉलर) है।
तेजस MK-1A एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) है, जो न केवल अपनी श्रेणी में सबसे हल्का है बल्कि आकार में भी सबसे छोटा है। यह विमान मैक 1.6 की रफ्तार (यानी ध्वनि की गति से 1.6 गुना तेज) से उड़ान भरने में सक्षम है।
इस अत्याधुनिक फाइटर जेट में AESA रडार (Active Electronically Scanned Array) तकनीक दी गई है, जो एक साथ कई टारगेट्स को ट्रैक कर सकती है। इसका इस्तेमाल सिर्फ लड़ाकू विमानों में ही नहीं, बल्कि जहाज, एयर डिफेंस और वेदर सिस्टम्स में भी होता है। स्वदेशी उत्पादन और उच्च तकनीकी क्षमताओं से लैस तेजस MK-1A आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना की रीढ़ साबित हो सकता है।