लॉकअप बना मौत का अड्डा, पुराने झगड़े में दो कैदियों ने मिलकर की अंडरट्रायल कैदी की हत्या, जानें पूरा मामला

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 06 Jun, 2025 11:06 AM

two prisoners together killed an undertrial prisoner due to an old quarrel

दिल्ली की साकेत कोर्ट में मंगलवार को जो हुआ उसने न्याय के मंदिर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। पेशी पर लाए गए तीन कैदियों के बीच कोर्ट के लॉकअप में ऐसी झड़प हुई कि एक अंडरट्रायल कैदी की मौत हो गई। यह घटना उस वक्त हुई जब अमन नाम का 24 वर्षीय...

नेशनल डेस्क: दिल्ली की साकेत कोर्ट में मंगलवार को जो हुआ उसने न्याय के मंदिर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। पेशी पर लाए गए तीन कैदियों के बीच कोर्ट के लॉकअप में ऐसी झड़प हुई कि एक अंडरट्रायल कैदी की मौत हो गई। यह घटना उस वक्त हुई जब अमन नाम का 24 वर्षीय युवक खजरा नंबर 5 में बैठा था। अमन को तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 8 से कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। सुबह करीब 9:30 बजे लॉकअप के खजरा नंबर 5 में अमन की पहले बहस और फिर भिड़ंत हुई जितेन्दर नाम के कैदी से। अधिकारियों के मुताबिक दोनों के बीच पुरानी तनातनी थी जो कोर्ट के बाहर से ही चली आ रही थी। बात इतनी बढ़ गई कि हाथापाई शुरू हो गई। जितेन्दर ने अमन को इतनी जोर की लात मारी कि उसका सिर पहले दीवार और फिर कमोड से जा टकराया। तभी जितेन्दर के साथी जयदेव ने भी हमला कर दिया। दोनों ने मिलकर अमन को बुरी तरह पीटा और उसके सीने पर पैर रखकर गला दबाने की कोशिश की।

पुलिस पहुंची लेकिन तब तक देर हो चुकी थी

हंगामा सुनकर एक पुलिस कांस्टेबल मौके पर पहुंचा और झगड़ा रोकने की कोशिश की। घायल अमन को फौरन सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन सिर पर गंभीर चोटें और भारी खून बहने के चलते सुबह 11 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मामले की जांच में सामने आई पुरानी रंजिश

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि यह झगड़ा अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे पुरानी दुश्मनी काम कर रही थी। दक्षिण जिले के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि अमन और जितेन्दर के बीच तनाव पिछले साल 2024 में शुरू हुआ था। उस वक्त अमन पर आरोप था कि उसने जितेन्दर और उसके भाई पर चाकू से हमला किया था। अब उसी दुश्मनी का बदला कोर्ट के लॉकअप में लिया गया। पुलिस ने जितेन्दर और जयदेव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और दोनों से पूछताछ जारी है।

लॉकअप की सुरक्षा पर उठे सवाल

साकेत कोर्ट का दो मंजिला लॉकअप परिसर कैदियों के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता है। यहां अलग-अलग खजरे (सेल) हैं जिनमें सामान्य, VIP और हाई सिक्योरिटी कैदियों को अलग-अलग रखा जाता है। लेकिन घटना वाले दिन खजरा नंबर 5 में 37 कैदी बंद थे, जिनमें अमन, जितेन्दर और जयदेव भी शामिल थे। पुलिस का कहना है कि आमतौर पर आपसी दुश्मनी वाले कैदियों को अलग रखा जाता है, लेकिन अमन और जितेन्दर के बीच तनाव की जानकारी प्रशासन को नहीं थी। इसी कारण तीनों को एक ही सेल में रख दिया गया।
पूरे घटनाक्रम की तह तक जाने के लिए पुलिस कोर्ट परिसर में लगे CCTV कैमरों की जांच कर रही है। इससे साफ होगा कि घटना किस तरह हुई और कहीं सुरक्षा में चूक तो नहीं रही।

 

 

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