झटका! Zomato ने बंद की 15 मिनट वाली फूड डिलीवरी, जानिए क्या है वजह?

Edited By Updated: 02 May, 2025 03:16 PM

zomato stopped 15 minute food delivery

भारत की दिग्गज फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए अपनी महत्वाकांक्षी 15 मिनट की फूड डिलीवरी सर्विस जोमैटो क्विक और जोमैटो एवरीडे को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। कंपनी ने यह कठोर फैसला मुनाफे की कमी और ग्राहकों को लगातार...

नेशनल डेस्क। भारत की दिग्गज फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए अपनी महत्वाकांक्षी 15 मिनट की फूड डिलीवरी सर्विस जोमैटो क्विक और जोमैटो एवरीडे को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। कंपनी ने यह कठोर फैसला मुनाफे की कमी और ग्राहकों को लगातार खराब अनुभव मिलने के कारण लिया है।

जोमैटो के मुखिया दीपिंदर गोयल ने शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "हम इन दोनों पहलों को बंद कर रहे हैं क्योंकि हमें इनमें लाभ कमाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था और वह भी ग्राहकों के अनुभव से समझौता किए बिना।" उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा रेस्टोरेंट की संख्या और किचन का ढांचा 10-15 मिनट में डिलीवरी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है जिसके चलते ग्राहकों को लगातार निराशा हाथ लग रही थी।

क्या थी क्विक और एवरीडे की कहानी?

जोमैटो क्विक एक ऐसी तेज-तर्रार सेवा थी जो ग्राहकों को 2 किलोमीटर के दायरे में चुने हुए रेस्टोरेंट से तैयार भोजन सिर्फ 15 मिनट में पहुंचाने का वादा करती थी। वहीं जोमैटो एवरीडे एक पायलट प्रोजेक्ट था जिसका मकसद घर जैसा बना हुआ खाना उपलब्ध कराना था जिसे खासकर मेट्रो शहरों में ऑफिस जाने वाले लोगों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया था। हालांकि कंपनी ने जल्द ही महसूस कर लिया कि एवरीडे की मांग बहुत सीमित है और यह कुछ खास परिस्थितियों में ही उपयोगी साबित हो रही थी।

पहले भी मुंह की खा चुकी है तेज डिलीवरी

यह जोमैटो का अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी के क्षेत्र में दूसरा असफल प्रयास है। इससे पहले भी 2022 में कंपनी ने जोमैटो इंस्टेंट नाम से 10 मिनट की डिलीवरी सेवा शुरू की थी लेकिन खराब प्रदर्शन के चलते इसे जनवरी 2023 में ही बंद कर दिया गया था। जोमैटो क्विक को तो महज चार महीने पहले ही धूमधाम से लॉन्च किया गया था लेकिन यह भी ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया।

 

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क्यों लिया गया यह कदम?

जोमैटो के सीएफओ अक्षंत गोयल ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि 10-15 मिनट की डिलीवरी सेवा कंपनी के मुख्य फूड डिलीवरी बिजनेस पर कोई खास असर नहीं डाल रही है। इसके अलावा इस तेजी से बढ़ते सेगमेंट में स्विगी के बोल्ट और ज़ेप्टो जैसे नए खिलाड़ियों की बढ़ती मौजूदगी ने भी जोमैटो पर दबाव बढ़ा दिया था। स्विगी का बोल्ट लॉन्च होने के महज दो महीनों में ही 5% फूड डिलीवरी ऑर्डर का हिस्सा बन गया और 400 से अधिक शहरों में अपनी पहुंच बना चुका है।

जोमैटो का अगला प्लान

अब जोमैटो अपनी क्विक डिलीवरी की रणनीति को मुख्य ऐप से हटाकर अपनी सहायक कंपनी ब्लिंकिट के डार्क स्टोर नेटवर्क के जरिए केंद्रित करने की योजना बना रहा है। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में बिस्ट्रो बाय ब्लिंकिट लॉन्च किया था जो तेज डिलीवरी पर ही फोकस करता है।

 

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ग्राहकों पर क्या होगा असर?

इस बदलाव के बाद जोमैटो के ग्राहक अब 15 मिनट में खाना मंगवाने का विकल्प इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि कंपनी का मुख्य फूड डिलीवरी व्यवसाय पहले की तरह सामान्य रूप से चलता रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जोमैटो के लिए लंबे समय तक लाभप्रदता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक जरूरी फैसला है।

बाजार में बढ़ती टक्कर

जोमैटो का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 15 मिनट की फूड डिलीवरी का बाजार तेजी से विस्तार कर रहा है। स्विगी, ज़ेप्टो और अन्य नए खिलाड़ी इस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हुए हैं। जोमैटो के इस कदम से यह सवाल भी उठता है कि क्या अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल की चुनौतियों का सामना सिर्फ जोमैटो ही कर रहा है या अन्य कंपनियां भी भविष्य में ऐसे ही मुश्किलों का सामना करेंगी।

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