Big Fall in Share Market: सेंसेक्स 3000 अंक टूटा, निफ्टी 22,000 से फिसला, बाजार में गिरावट के तीन मुख्य कारण

Edited By Updated: 07 Apr, 2025 10:16 AM

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शेयर बाजार में आज, यानी सोमवार 7 अप्रैल को बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स 3000 अंक (4%) गिरकर करीब 72,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में 928 अंक की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है।

बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में आज, यानी सोमवार 7 अप्रैल को बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स 3000 अंक (4%) गिरकर करीब 72,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में 928 अंक की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है।

सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरकर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस करीब 10% टूटे हैं। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और L&T में भी 8% की गिरावट है।

हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% टूटा

  • एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 6%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50%, चीन का शंघाई इंडेक्स 6.50% नीचे है। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% नीचे हैं।
  • NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला गिफ्ट निफ्टी करीब 800 पॉइंट (3.60%) गिरकर 22180 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
  • 3 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स 3.98%) गिरकर 40,545 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 4.84% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 5.97% गिरा।
  • फाइनेंशियल कॉमेंटेटर जिम क्रैमर ने 1987 जैसे 'ब्लैक मंडे' आने की भविष्यवाणी की है। क्रैमर ने कहा- अमेरिकी बाजार आज 22% तक गिर सकता है।

बाजार में गिरावट के तीन मुख्य कारण

1. ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ नीति

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत पर 26%, चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, दक्षिण कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% आयात शुल्क लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी व्यापार घाटा कम करना बताया गया है, लेकिन इससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ रहा है।

2. चीन की जवाबी कार्रवाई

ट्रम्प की नीति के जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 10 अप्रैल से लागू होगा। यह कदम वैश्विक व्यापार युद्ध को और तेज कर सकता है। पहले ही अमेरिका द्वारा चीन पर 34% टैरिफ लगाया जा चुका है, और अब चीन ने 'जैसे को तैसा' नीति अपनाई है।

3. आर्थिक मंदी की आशंका

बढ़ते टैरिफ के चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ता खर्च में गिरावट आ सकती है। इसके कारण वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ सकती है। मांग घटने से कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है, जो आर्थिक गतिविधि की कमजोरी का संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है।
 

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