आज भी अमर है आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ के रचयिता पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 May, 2023 12:20 PM

aarti om jai jagdish hare

देश-विदेश में जहां भी हिन्दू धर्म के अनुयायी बसते हैं वहां पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी द्वारा रचित आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ श्रद्धा से गाई जाती है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Aarti Om Jai Jagdish Hare: देश-विदेश में जहां भी हिन्दू धर्म के अनुयायी बसते हैं वहां पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी द्वारा रचित आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ श्रद्धा से गाई जाती है परंतु बहुत कम लोग उनके बारे में जानते होंगे। इस विश्व प्रसिद्ध आरती के रचयिता पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी का जन्म 30 सितम्बर, 1837 को सतलुज दरिया के किनारे बसे फिल्लौर शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम विष्णु देवी जोशी व पिता का पंडित जय दयालु जोशी था। पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी ने प्रारंभिक शिक्षा वेदवेत्ता पंडित राम चंद्र जी से ली व अब्दुल्ला शाह सैयद के पास से यूनानी, फारसी, चिकित्सा की शिक्षा ली। उन्हें बचपन से ही कई लिपियों का ज्ञान था व कविता लिखने का अंकुर इनके भीतर बचपन से ही प्रकट हो गया था। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari, Aarti Om Jai Jagdish Hare, Om Jai Jagdish Hare

मात्र 18 वर्ष की आयु में उन्होंने महाभारत व श्रीमद् भागवत की कथा सुनाकर देश में काफी प्रसिद्धि अर्जित की। पंडित जी की कथा वाचन प्रणाली सामान्य पंडितों जैसी नहीं थी। वह जब कथा करते थे तो सुनने वालों को सभी घटनाएं अपनी आंखों के समक्ष घटती हुई प्रतीत होती थीं।

1862-63 में पंडित जी कपूरथला आए। उस समय रियासत के राजा रणधीर सिंह ने कुछ लोगों के प्रभाव में आकर धर्म परिवर्तन का निश्चय कर रखा था व अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे थे। पंडित जी ने राजा के मन में उठने वाले सभी प्रश्नों को इस प्रकार शांत किया कि उसने अपना विचार त्याग दिया। 

पंडित जी लाहौर चले गए जहां उन्होंने ज्ञान मंदिर बनवा कर चारों वेदों को प्रतिष्ठित करवाया। तत्पश्चात उन्होंने फिल्लौर में भी चौक पासियां में अपने आश्रम के स्थान पर हरि ज्ञान मंदिर बनवाया। ‘ओम जय जगदीश हरे’ आरती की रचना ने इनकी लोकप्रियता को चरम सीमा पर पहुंचाया। 

PunjabKesari, Aarti Om Jai Jagdish Hare, Om Jai Jagdish Hare

पंडित जी ने हिन्दी में ‘सत्य धर्म मुक्तावली’, ‘तत्व दीपक’, ‘भाग्यवती’, ‘रमल कामधेनु’, ‘सतोपदेश’, ‘सत्यामृत प्रवाह’ और ‘बीज मंत्र’ नामक पुस्तकें लिखीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘धर्म रक्षा’, ‘धर्म संवादे’, ‘दुर्जन मुख चपेटिका उपदेश संग्रह’ और ‘उसूले मजाहिब’ नामक पुस्तकें उर्दू में लिखीं।

पंडित जी द्वारा लिखी पंजाबी में ‘पंजाबी बातचीत’ और ‘सिखां दे राज दी विधियां’ नामक दो पुस्तकें प्रकाशित हुईं। 24 जून, 1881 के दिन इस निर्भीक महान साहित्यकार, संगीतज्ञ, ज्योतिष, परोपकारी विभूति का देहावसान हो गया परंतु उनके द्वारा रचित आरती उन्हें अमर बना गई।

PunjabKesari, Aarti Om Jai Jagdish Hare, Om Jai Jagdish Hare

PunjabKesari kundli

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!