Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Apr, 2025 02:56 PM

हिंदू धर्म में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है, खासकर तब जब यह रविवार को आए जिसे भानु सप्तमी कहा जाता है। यह तिथि सूर्य देव को समर्पित होती है और इस दिन की गई पूजा
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Bhanu Saptami 2025: हिंदू धर्म में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है, खासकर तब जब यह रविवार को आए जिसे भानु सप्तमी कहा जाता है। यह तिथि सूर्य देव को समर्पित होती है और इस दिन की गई पूजा, उपासना, व्रत और उपाय विशेष फलदायी माने जाते हैं। 2025 में भानु सप्तमी का दिन और भी खास बन रहा है क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, जब ऐसे शुभ योग एक साथ आते हैं, तो उनका प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है और जीवन में रुके हुए काम भी तेजी से बनने लगते हैं। आज 20 अप्रैल को भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा। ऐसे में सबसे पहले जानेंगे कि आज के दिन कौन से योग का निर्माण होने जा रहा है और किन उपायों द्वारा आप अपने सभी कार्यों को पूर्ण कर सकते हो।
Bhanu Saptami भानु सप्तमी शुभ योग
ज्योतिष गणना के अनुसार आज के दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है और ये योग दोपहर 11 बजकर 48 मिनट से से शुरू होकर शाम 7 बजे तक रहेगा। इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से दोगुने फल की प्राप्ति होगी।
इसके अलावा साथ में सिद्ध योग देर रात 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा करने से सभी अधूरे कार्य बनने लग जाते हैं।
भानु सप्तमी पर करें ये विशेष उपाय

सूर्य को अर्घ्य देना
सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, चावल और रोली डालें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्यदेव को तीन बार अर्घ्य दें। साथ में ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। इससे रोग, मानसिक तनाव और करियर की बाधाएं दूर होती हैं।
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ
यह स्तोत्र आत्मबल, साहस और इच्छाशक्ति को जाग्रत करता है। सुबह या संध्या के समय इसका पाठ करें। ऐसा करने से कठिन समय में आश्चर्यजनक रूप से मार्ग प्रशस्त होता है।
सूर्य यंत्र की स्थापना
इस दिन आप घर या पूजा स्थान में सूर्य यंत्र की स्थापना करें। पंचोपचार पूजन करके इसे स्थापित करें। प्रतिदिन इसके समक्ष दीपक जलाकर ॐ सूर्याय नमः का जप करें। यह उपाय विशेष रूप से नौकरी, पदोन्नति और राजनीतिक सफलता में सहायक होता है।
ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान
तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करें। यदि संभव हो तो सूर्य मंदिर में दीपक और धूप अर्पित करें। इससे पापों का क्षय होता है और पुण्य में वृद्धि होती है।
लाल रंग की वस्तुएं धारण करें
इस दिन लाल वस्त्र पहनें या लाल रुमाल साथ रखें। यह सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है मन और शरीर में सक्रियता और तेज बढ़ता है।
