Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Nov, 2023 09:07 AM
दिल्ली अकाली दल प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने श्री गुरु नानक साहिब के पवित्र प्रकाश पर्व को एक व्यस्त मॉल में मात्र ‘जयंती’ समारोह तक सीमित करने के लिए 92 वर्षीय तरलोचन सिंह और उनके साथियों की कड़ी निंदा की है।
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नई दिल्ली (स.ह.) : दिल्ली अकाली दल प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने श्री गुरु नानक साहिब के पवित्र प्रकाश पर्व को एक व्यस्त मॉल में मात्र ‘जयंती’ समारोह तक सीमित करने के लिए 92 वर्षीय तरलोचन सिंह और उनके साथियों की कड़ी निंदा की है।
दिल्ली अकाली प्रमुख ने सिख इतिहास और सिद्धांतों को विकृत करने के ट्रैक रिकॉर्ड वाले पूर्व सांसद तरलोचन सिंह और उनके समर्थकों पर गुरमत को राजनीतिक मोहरा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और इस बात पर बल दिया कि इस तरह की कार्रवाइयों से सिखी की नींव कमजोर होने का खतरा है। तरलोचन सिंह के इस दावे कि श्री गुरु नानक साहिब एक ‘स्वतंत्रता सेनानी’ थे, सरना ने कहा कि गुरु साहिब का गौरव बीते युग की राजनीतिक सक्रियता से कहीं आगे तक फैला हुआ है।
सरना ने कहा कि ग्रंथी सिंहों को गुरुघर का वजीर कहा जाता है जिनका कर्त्तव्य गुरु साहिब की सेवा करना, बाणी पढ़ना और उपदेश देना है। क्या कालका जुंडली ने ग्रंथी सिंहों के लिए नए मानक स्थापित कर दिए हैं जो ग्रंथी सिंह को अपना कर्त्तव्य छोड़कर लंगर के लिए दूध, बेसन और अन्य सामान इकट्ठा करना पड़ रहा है।
डी.एस.जी.एम.सी. के पूर्व अध्यक्ष ने सिख संगत से सिख मूल्यों के विरूपण के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया, विशेष रूप से राजनीतिक सीमाओं से परे एक उत्सव के लिए ‘जयंती’ जैसे शब्दों का उपयोग करने के प्रयासों के खिलाफ।