Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Sep, 2021 09:27 AM
दो चीजों में हम और हमारा देश बहुत आगे हैं- आई.टी. और ब्यूटी। बूढ़े से बूढ़े आदमी को लेटैस्ट से लेटेस्ट फैशन चाहिए। मैं आई.टी. और ब्यूटी के खिलाफ नहीं हूं। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि हम और हमारा देश आई.टी. और ब्यूटी के
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Muni Shri Tarun Sagar: दो चीजों में हम और हमारा देश बहुत आगे हैं- आई.टी. और ब्यूटी। बूढ़े से बूढ़े आदमी को लेटैस्ट से लेटेस्ट फैशन चाहिए। मैं आई.टी. और ब्यूटी के खिलाफ नहीं हूं। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि हम और हमारा देश आई.टी. और ब्यूटी के साथ अपनी ड्यूटी में भी आगे आएं।
दिन की शुरुआत प्रसन्नता और प्रणाम से करिए। जो व्यक्ति सुबह उठते ही एक मिनट भी मुस्कुराता है उसे पूरे दिन का ‘पावर टॉनिक’ मिल जाता है और जो व्यक्ति मां-बाप, गुरु और प्रभु के चरणों में घुटने टिकता है उसे जिंदगी में कभी किसी के सामने घुटने नहीं टेकने पड़ते। जिसके पास दुआओं की दौलत है सही मायने में वही अमीर है। इस दौलत की बदौलत ही व्यक्ति दौलतमंद होता है। सहारनपुर में था। राज्यपाल सूरजभान जी मेरे पास आए और बोले, ‘‘ऋषि-मुनियों को तो जंगल में रहना चाहिए। आजकल के मुनि शहरों को पसंद क्यों करते हैं?’’
मैंने कहा, ‘‘शहरों में सबसे ज्यादा भूत रहते हैं जैसे भूतपूर्व प्रधानमंत्री, भूतपूर्व मुख्यमंत्री। पद से उतरते ही आदमी भूत हो जाता है। उन ‘भूतों’ को ‘भभूत’ लगाने के लिए तरुण सागर जैसे ‘अवधूतों’ को शहर में आना पड़ता है।’’
मेरे प्रवचन मुर्दों और मूर्खों के लिए नहीं हैं जिनमें थोड़ी-सी भी समझ है, उनके लिए हैं। मेरा यकीन है कि मुर्दों और मूर्खों में बदलाव संभव नहीं है इसलिए उन्हें कुछ कहना व्यर्थ है। धर्म भीतर से फूटता है। बाहर उसे केवल जिया जाता है। डकार भीतर से आती है, बाहर उसे केवल सुना जा सकता है। धर्म मुर्दों और मूर्खों के लिए नहीं, मुमुक्षुओं के लिए है।