Paush Purnima: पौष पूर्णिमा पर इस मुहूर्त में करें पूजा, जीवन में आने वाली बाधाएं होंगी दूर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jan, 2024 07:35 AM

paush purnima

हिन्दू पंचांग के पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। हिन्दू धर्म और भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। पूर्णिमा

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Paush Purnima 2024: हिन्दू पंचांग के पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। हिन्दू धर्म और भारतीय जनजीवन में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बतलाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पौष मास के समय में किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की पूर्णता पूर्णिमा पर स्नान करने से सार्थक होती है। पौष पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान का बड़ा महत्व होता है।

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Importance of Paush Purnima पौष पूर्णिमा का महत्व
वैदिक ज्योतिष और हिन्दू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार पौष सूर्य देव का माह कहलाता है। इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। चूंकि पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। अतः सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

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Paush Purnima fast and worship method पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
पौष पूर्णिमा पर स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है। इस दिन सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व है। पौष पूर्णिमा का व्रत और पूजा विधि इस प्रकार है:
पौष पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें।
पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें।
स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए।
किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए।
दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से देने चाहिए।

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Paush Purnima Vrat Muhurat पौष पूर्णिमा व्रत मुहूर्त
जनवरी 24, 2024 को 21:52:46 से पूर्णिमा आरम्भ
जनवरी 25, 2024 को 23:26:32 पर पूर्णिमा समाप्त

Events to be held on Paush Purnima पौष पूर्णिमा पर होने वाले आयोजन
पौष पूर्णिमा पर देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर स्नान और धार्मिक आयोजन होते हैं। पौष पूर्णिमा से तीर्थराज प्रयाग में माघ मेले का आयोजन शुरू होता है। इस धार्मिक उत्सव में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक विद्वानों के अनुसार माघ माह के स्नान का संकल्प पौष पूर्णिमा पर लेना चाहिए।

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आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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