वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा: प्रधानमंत्री की घटती प्रतिष्ठा और अपयश का कारण प्रधानमंत्री निवास का वास्तु दोष

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Aug, 2023 08:15 AM

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भारत के प्रधानमंत्री का निवास एवं कार्यस्थल 7 लोक कल्याण मार्ग है, जिसे सितम्बर 2016 के पहले 7 रेस कोर्स (7RCR) के नाम से जाना जाता था।

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Prime minister house of india: भारत के प्रधानमंत्री का निवास एवं कार्यस्थल 7 लोक कल्याण मार्ग है, जिसे सितम्बर 2016 के पहले 7 रेस कोर्स (7RCR) के नाम से जाना जाता था। 12 एकड़ भूमि में फैले इस परिसर में बने बंगलो के नम्बर 1, 3, 5, 7, 9 एवं 11 है। श्री राजीव गांधी जी इसमें निवास करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे, वह 1984 में यहां रहने के लिए आएं। भारत के 14वें एवं वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी निवास परिसर के बंगला नम्बर 5 में रहते हैं और बाकी बंगले प्रधानमंत्री के ऑफिस, ऑफिस स्टाफ, सिक्योरिटी, गेस्ट हाउस इत्यादि के लिए काम में आ रहे हैं।

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प्रधानमंत्री को यात्राओं के लिए एयरपोर्ट जाने में सुविधा हो और जनता को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री निवास से टनल का काम वर्ष 2010 से शुरू हुआ और जुलाई 2014 में पूर्ण कर लिया गया। इस टनल का उपयोग करने वाले श्री मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं। डेढ़ किलोमीटर लम्बी यह अंडरग्राउंड टनल प्रधानमंत्री निवास से सदफरजंग हवाई अड्डे से जुड़ी हुई है।

वास्तु विश्लेषण के लिए इस परिसर का प्लान गूगल अर्थ पर देखने से पता चलता है कि 7 लोक कल्याण मार्ग पर स्थित प्रधानमंत्री निवास स्थान विदिशा भूखण्ड पर बना है, जिसकी दिशाएं मध्य में न होकर कोनों पर हैं। इस प्रकार इस परिसर की उत्तर एवं पूर्व दिशा तीनमूर्ति लेन की तरफ है और दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में रेस कोर्स रोड़ (लोक कल्याण मार्ग) है।

प्रधानमंत्री निवास स्थान को गूगल अर्थ में देखने पर स्पष्ट नजर आता है कि इस परिसर का उत्तर ईशान कोण (NNE) दबा हुआ है। वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे प्लाट पर बने भवन में रहने वालों के यश, सम्मान और प्रतिष्ठा में कमी आती है। इसी कारण 7 रेसकोर्स परिसर में जितने में भी प्रधानमंत्री रहें, यहां रहते हुए उनकी प्रतिष्ठा में कमी हुई और उन्हें अपयश का सामना अवश्य करना पड़ा। 7 रेसकोर्स परिसर को छोड़ने के बाद लगभग सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों की सरहाना मिलने लगी। यही वजह है कि देशहित में अथक प्रयास करने के बाद भी इसी स्थिति का सामना आदरणीय मोदी जी को भी करना पड़ रहा है।

परिसर की पश्चिम दिशा (W) में पश्चिम के साथ मिलकर पश्चिम वायव्य (WNW) में बढ़ाव है। वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे प्लॉट पर बने घर में निवास करने वालों को चित्त-चांचल्य, अपमान और अनेक चिंताओं का सामना करना पड़ता है। परिसर का ईशान कोण (NE) दबा हुआ हो और वायव्य कोण (NW) बढ़ा हुआ हो तो वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे घरों में निवास करने वालों के शत्रुओं की संख्या बढ़ जाती है।

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सफदरजंग हवाई अड्डा प्रधानमंत्री निवास की पश्चिम दिशा में नैऋत्य कोण (SW) की ओर टनल के माध्यम से केवल डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस दूरी को देखते हुए यह तय है कि यह टनल निश्चित ही प्रधानमंत्री निवास के नैऋत्य (SW) कोण या इसके आसपास से ही प्रारम्भ हो रही होगी। इस प्रकार परिसर के नैऋत्य कोण (SW) में टनल के कारण गड्ढा हो गया है। वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि नैऋत्य कोण (SW) में किसी भी प्रकार का गड्ढा हो तो वहां रहने वालों का धन-नष्ट होगा, अपयश मिलेगा, अक्सर रोगों से पीड़ित होंगे और उन्हें मृत्यु-भय बना रहेगा।

वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोण (NE) दबा हुआ हो और नैऋत्य कोण (SW) में गड्ढा भी हो तो वहां निवास करने वाले सदस्यों में से जिनका भाग्य कमजोर होगा उनके साथ कभी भी अनहोनी घटना घट सकती है।

प्रधानमंत्री निवास 7 लोक कल्याण मार्ग परिसर के वास्तुदोषों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री और वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इसी के साथ परिसर के वास्तुदोषों को दूर करना चाहिए ताकि यहां रहने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित रहें और उन्हें अपनी घटती प्रतिष्ठा के साथ अपयश का सामना न करना पड़े।

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वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com

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