Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Jan, 2023 08:55 AM

भगवान श्री कृष्ण सनातन धर्म का आधार हैं। भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत के माध्यम से जीवन को परमवादी बनाने का व्यावहारिक ज्ञान दिया।
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जालंधर (स.ह.): भगवान श्री कृष्ण सनातन धर्म का आधार हैं। भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत के माध्यम से जीवन को परमवादी बनाने का व्यावहारिक ज्ञान दिया। ज्योतिषाचार्या रेखा कल्पदेव ने कहा कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद दशकों पुराना है जोकि 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र में 21 जुलाई ईसा पूर्व 3228 दिन बुधवार मध्यरात्रि में हुआ था।
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ज्योतिष शास्त्र में निर्माण, भूमि, भवन के लिए शनि ग्रह पर विचार किया जाता है। 12 अक्तूबर, 1968 में जब विवादित समझौता हुआ उस दिन चतुर्थेश सूर्य पर शनि-राहू की दृष्टि का अशुभ प्रभाव था। चतुर्थेश सूर्य केतु और गुरु की युति संबंध में था। धार्मिक स्थल का भाव है। नवम भाव का स्वामी शनि इस समय कुंभ राशि में चल रहा है। कुंभ राशि सिंह से सप्तम भाव में पड़ती है। इसीलिए जनवरी, 2023 से शनि अपनी सप्तम दृष्टि से भगवान श्री कृष्ण की कुंडली में चतुर्थ भाव को जागृत कर रहे हैं।
यह गोचर शनि के कुंभ राशि में रहने तक रहेगा। अप्रैल, 2022 में शनि कुंभ राशि में कुछ समय के लिए गोचर करने लगे थे। फिर वक्री अवस्था में चले गए और अब दोबारा कुंभ में आए हैं। इसलिए अप्रैल, 2022 से ही यह मामला गर्माया हुआ है। कुंभ में शनि का गोचर भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि को अन्य लोगों से छुटकारा दिलवाएगा परन्तु अदालती केस 2025 तक चलने के आसार हैं। 2025 से पूर्व अदालती फैसला श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्ष में आने की संभावना है।
