सस्ता होने पर भी चीनी माल नहीं खरीदेंगी सरकारी कंपनियां!

Edited By Updated: 08 Jun, 2023 04:01 PM

government companies will not buy chinese goods even if they are cheap

सरकार ने पब्लिक सेक्टर की कंपनियों (PSUs) और सरकारी संस्थाओं को चीनी माल (Chinese Products) खरीदने से परहेज करने को कहा है। सरकार ने उनके लिए संवेदनशील सेक्टर्स की एक लिस्ट तैयार की है।

बिजनेस डेस्क: सरकार ने पब्लिक सेक्टर की कंपनियों (PSUs) और सरकारी संस्थाओं को चीनी माल (Chinese Products) खरीदने से परहेज करने को कहा है। सरकार ने उनके लिए संवेदनशील सेक्टर्स की एक लिस्ट तैयार की है। सरकारी कंपनियों और संस्थाओं से कहा गया है कि वे इन सेक्टर्स में चीन की टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने से बचें। यहां तक कि अगर उन्हें सस्ते में भी चीन की टेक्नोलॉजी मिल रही है तब भी इसे यूज न करें। इनमें 3डी प्रिंटिंग और पोर्ट्स पर क्रेन में इस्तेमाल होने वाली SCADA जैसी टेक्नीक शामिल है। साथ ही ब्रॉडकास्टिंग, बायोटेक्नोलॉजीज, आईसीटी और सॉफ्टवेयर जैसी डेटा स्ट्रीमिंग एक्टिविटीज में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी को भी चीन से खरीदने से परहेज करने को कहा गया है।

 

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सरकारी कंपनियों से एटॉमिक एनर्जी, ब्रॉडकास्टिंग, प्रिंट और डिजिटल मीडिया, डिफेंस, स्पेस और टेलिकम्युनिकेशंस जैसे सेक्टर में चीन की कंपनियों से सामान नहीं खरीदने को कहा है। साथ ही पावर, सिविल एविएशन, माइनिंग, रेलवे, हेल्थ और अर्बन ट्रांसपोर्टेशन जैसे सेक्टर्स को भी संवेदनशील माना गया है और इनमें भी चीन से किसी भी तरह की खरीद को हतोत्साहित गया गया है। इसके पीछे सरकार की कोशिश इन सेक्टर्स को मेलवेयर या किसी दूसरे तरीके से होने वाले खतरे से बचाना है। साथ ही प्रोडक्ट्स के सिंगल सोर्स प्रोक्योरमेंट को भी कम करना है।

 

क्या है खतरा

भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के देशों के लिए चीन सिंगल सोर्स बनकर उभरा है। अधिकारियों का कहना है कि अगर भविष्य में किसी तरह के विवाद या युद्ध की स्थिति में प्रोडक्ट्स और कमोडिटीज की सप्लाई बाधित हो सकती है। ऐसे में सिंगल सोर्स पर निर्भर रहना समझदारी नहीं है। चीन की कंपनियां सरकारी कंपनियों और विभागों से प्रोक्योरमेंट के लिए एल1 मेथड का इस्तेमाल करती हैं। इसमें सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को ठेका मिलता है।

 

नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल की अगुवाई में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट इस बारे में सरकारी कंपनियों और विभागों को सेंसिटाइज कर रहा है। चीन के हैकर्स ने पावर ग्रिड और एम्स को डेटा को हैक करने की कोशिश की है। सरकार चीनी कंपनियों से खरीद पर पूरी तरह बैन नहीं लगाना चाहती है लेकिन संवेदनशील सेक्टर्स और क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के मामले में खरीद को कंट्रोल करना चाहती है।

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