बैन की गई चाइनीज़ ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए भारतीय छात्रों को किया जा रहा मजबूर

Edited By Hitesh,Updated: 21 Jul, 2021 05:24 PM

indian students being forced to download banned chinese apps

चीन की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 20,000 मेडिकल छात्रों समेत करीब 23,000 छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें चाइनीज यूनिवर्सिटी द्वारा उन चीनी ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जिन्हें भारत सरकार ने बैन किया हुआ है। आपको बता दें कि इससे...

नेशनल डेस्क: चीन की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 20,000 मेडिकल छात्रों समेत करीब 23,000 छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें चाइनीज यूनिवर्सिटी द्वारा उन चीनी ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जिन्हें भारत सरकार ने बैन किया हुआ है। आपको बता दें कि इससे पहले 250 चीनी ऐप्स को भारत में बैन किया गया था।

छात्रों से कहा जा रहा है कि अगर वह अपने कोर्स को जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें इन ऐप्स को डाउनलोड कर इस्तेमाल में लाना होगा। चीन की ज्यादा तर यूनिवर्सिटी वीचैट, डिंग टॉक, सुपरस्टार और एक वीडियो चैट ऐप का इस्तेमाल करती हैं जिन्हें कि टेंनसेंट कंपनी द्वारा बनाया गया है।

छात्र कलासिस अटैंड करने के लिए VPN का कर रहे इस्तेमाल

ये भारतीय छात्र ISC (इंडियन स्टूडेंट्स इन चाइना) के मेंबर हैं। फिलहाल टेम्परेरी तौर पर यह छात्र कलासिस को अटैंड करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर रहे हैं। सूचो यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे दिल्ली के शाहरुख खान का कहना है कि हमारी क्लासिस पहले वीचैट ऐप पर ही लगाई जाती थीं लेकिन भारत सरकार द्वारा इस ऐप को बैन कर दिया गया। इसके बाद उनकी यूनिवर्सिटी ने डिंगटॉक प्लेटफोर्म बनाया लेकिन इस पर भी बैन लगा दिया गया।

चीनी यीनिवर्सिटी को हर साल दे रहे 3 से 4.5 लाख रुपए की ट्यूशन फीस

आपको बता दें कि ये छात्र एक साल में चीन को 3 से 4.5 लाख रुपए की ट्यूशन फीस देते हैं लेकिन फिर भी इन्हें चीन में ट्रैवल करने से बैन किया गया है। ISC के नेशनल कोऑर्डिनेटर और छात्र वडोदरा का कहना है कि वे नेटवर्क इश्यू के कारण लैक्चर अटैंड नहीं कर पाते हैं जिस वजह से उन्हें सीखने में समस्या हो रही है। इन समस्याओं के चलते कई बार तो वह बेसिक चीजें भी सीख नहीं पाते हैं।  

टेंसेंट कंपनी की ऐप्स को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हुए भारतीय छात्र

जायपुर के एक छात्र निमरत सिंह ने हाल ही में हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी से सैकेंड यीअर MBBS कंपलीट की है और अब वह नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। ये टैस्ट विदेशी छात्रों के लिए भारत में अभ्यास करने के लिए अनिवार्य है। उनका कहना है कि ऑनलाइन क्लासिस अटैंड करने में उन्हें कई इश्यूज़ सामने आते हैं। उनकी यूनिवर्सिटी टेंसेंट कंपनी की ऐप्स पर अपनी क्लासिस लगा रही करती हैं।

इसके अलावा गुजरात स्टूडेंट्स कई ऑर्गनाइजेशन के साथ मिल कर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। साउदर्न गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स (SGCCI) के मैंबर मनीश कपाडिया का कहना है कि मनिस्टर्स के साथ एक मीटिंग अटैंड करने की कोशिश की जा रही हैं ताकि वह अपनी कुछ समस्याओं को उनके साथ शेयर कर सकें।  

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