Edited By Tanuja,Updated: 03 Jul, 2025 04:59 PM

भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता (Trade Deal) अगले 48 घंटों में अंतिम रूप ले सकता है। सूत्रों के अनुसार वाशिंगटन डीसी में दोनों देशों के बीच गहन बातचीत जारी है
Washington: भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता (Trade Deal) अगले 48 घंटों में अंतिम रूप ले सकता है। सूत्रों के अनुसार वाशिंगटन डीसी में दोनों देशों के बीच गहन बातचीत जारी है और मतभेदों को सुलझाने के प्रयास तेज़ हो गए हैं। भारतीय व्यापार प्रतिनिधि फ़िलहाल वाशिंगटन में ही रुकेंगे ताकि 9 जुलाई से पहले इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी तारीख से उच्च टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ऐसे में यह डील दोनों देशों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को अधिक बाजार पहुंच दे, लेकिन भारत इन क्षेत्रों को अपनी "रेड लाइन"मानता है। भारत सरकार का तर्क है कि ऐसा करना देश की ग्रामीण आजीविका और खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। अमेरिकी पक्ष जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) मक्का, सोया, गेहूं और चावल पर भारत में टैरिफ कम करने का दबाव डाल रहा है, जिसे भारतीय प्रतिनिधि पूरी तरह अस्वीकार कर रहे हैं।
2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "लिबरेशन डे" घोषित करते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ नीति लागू करने का ऐलान किया था, जिसमें अमेरिका में आने वाले विदेशी सामानों पर 26% तक शुल्क लगाने की बात कही गई थी।हालांकि, बातचीत की संभावना को खुला रखने के लिए ट्रंप ने अस्थायी रूप से टैरिफ को 10% तक सीमित कर दिया । इस बीच, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में फिर से तेजी आई है।
ट्रंप ने कुछ हफ्ते पहले Air Force One पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि वह भारत के साथ एक ऐसा व्यापार समझौता करना चाहते हैं जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारत के 1.4 अरब उपभोक्ताओं के बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिल सके। लेकिन अमेरिका में रूस के खिलाफ लाया गया नया प्रतिबंधात्मक विधेयक भारत के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यदि यह बिल भारत के हितों को नुकसान पहुंचाता है, तो भारत ज़रूरत पड़ने पर उचित जवाब देगा।