अब प्राइवेट गाड़ियों से टैक्सी चलाना पड़ेगा महंगा, बिना लाइसेंस चालकों का रद्द होगा परमिट

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 09 Jun, 2025 12:20 PM

now driving taxi with private vehicles will be expensive in goa

गोवा सरकार ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में प्राइवेट गाड़ी से टैक्सी या किराया सेवा देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। अगर कोई व्यक्ति अपनी निजी कार या बाइक से पर्यटकों को किराए पर वाहन देता है और उसके पास वैध कमर्शियल...

नेशनल डेस्क: गोवा सरकार ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में प्राइवेट गाड़ी से टैक्सी या किराया सेवा देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। अगर कोई व्यक्ति अपनी निजी कार या बाइक से पर्यटकों को किराए पर वाहन देता है और उसके पास वैध कमर्शियल लाइसेंस नहीं है तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहन मालिकों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। गोवा सरकार एक नया अध्यादेश (ordinance) लाने जा रही है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अगर अपनी निजी गाड़ी से कमर्शियल यानी व्यावसायिक रूप से टैक्सी जैसी सेवाएं देता है और उसके पास ट्रांसपोर्ट विभाग से अनुमति नहीं है, तो उसे दंडित किया जाएगा।
यह फैसला सिर्फ चालकों पर ही नहीं बल्कि उन मालिकों पर भी लागू होगा जो अपनी गाड़ी किराए पर चलाने के लिए दूसरों को देते हैं और जिनके पास खुद वैध लाइसेंस नहीं होता।

600 से ज्यादा लोगों पर हो चुका है एक्शन

गोवा पुलिस की ट्रैफिक सेल ने पिछले साल 600 से ज्यादा ऐसे मामलों पर कार्रवाई की थी जहां निजी गाड़ियों से टैक्सी जैसी सेवाएं दी जा रही थीं। इन चालकों पर चालान काटे गए और उन्हें कोर्ट में जाकर जुर्माना भरना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद ये गलत प्रैक्टिस अब भी जारी है। सरकार का कहना है कि इस तरह की गैर-कानूनी सेवाओं से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।

सीएम सावंत ने ली उच्चस्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और पुलिस मुख्यालय पणजी में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में परिवहन विभाग और पुलिस अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
मीटिंग में यह बात सामने आई कि इस प्रकार के अवैध वाहन संचालन से राज्य के टैक्स सिस्टम को सीधा नुकसान होता है और पर्यटन क्षेत्र में असंतुलन पैदा होता है।

2018 में बदले थे नियम, तब शुरू हुई थी गड़बड़ी

परिवहन विभाग के अनुसार, साल 2018 में कानून में बदलाव करके किराये की कार और बाइक कंपनियों को कुछ छूट दी गई थी। लेकिन इसका कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के प्राइवेट गाड़ियों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

सिर्फ 10% मामलों का ही हो पाया खुलासा

सीएम सावंत ने बताया कि अब तक सिर्फ 10 फीसदी ऐसे मामलों की ही पहचान हो पाई है जहां प्राइवेट गाड़ियों का उपयोग अवैध तरीके से कमर्शियल रूप में किया जा रहा था। इसका मतलब यह है कि राज्य में यह समस्या कितनी गहराई तक फैली हुई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले पर अब सख्त कार्रवाई की जाए और टैक्स चोरी को रोकने के लिए जरूरी सुधार किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में कोई भी निजी वाहन बिना वैध दस्तावेजों के टैक्सी या किराए पर नहीं चल सकेगा।

 

 

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