Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Mar, 2024 07:15 AM
होली का पर्व सारे देश मेें धूमधाम तथा हर्षोल्लास के कल मनाया जाता है। इसे लेकर कई दिन पहले से ही जोर-शोर से तैयारियां शुरू हो जाती हैं लेकिन हमारे ही देश में एक गांव ऐसा भी है जहां रंगों का यह त्यौहार हमेशा फीका रहता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Destination in India that do not celebrate Holi- होली का पर्व सारे देश मेें धूमधाम तथा हर्षोल्लास के कल मनाया जाता है। इसे लेकर कई दिन पहले से ही जोर-शोर से तैयारियां शुरू हो जाती हैं लेकिन हमारे ही देश में एक गांव ऐसा भी है जहां रंगों का यह त्यौहार हमेशा फीका रहता है। दरअसल, इस गांव में पिछले लगभग 160 वर्षों से होली नहीं खेली गई है।
The festival of Holi is not celebrated in these villages- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित खरहरी गांव में होली न खेलने को लेकर ग्रामीणों की अपनी ही कुछ मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार वर्षों पहले इस गांव के लोग होलिका दहन कर रहे थे। उसी दौरान गांव के सभी घर अचानक जलने लगे। इस घटना से लोगों में ऐसा खौफ बैठ गया और गांव के लोगों ने होली न मनाने का फैसला किया। इसके बाद से लेकर आज तक इस गांव में होली नहीं मनाई गई। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने होली खेली तो उनके साथ कुछ बुरा हो सकता है।
Holi festival of colors- कहा जाता है कि एक बार गांव का एक शख्स होली खेलने के लिए दूसरे गांव गया था। जैसे ही वह अपने गांव खरहरी लौटा तो उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। इसके बाद से लोगों का डर और बढ़ गया और भविष्य में कभी भी होली न खेलने का प्रण लिया। आलम ये है कि इस फैसले को सभी लोग मानते हैं और हर पीढ़ी के लोग इसका पालन कर रहे हैं।