Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 May, 2023 09:12 AM
एक गांव के कुछ विद्यार्थी प्रतिदिन दूसरे गांव की पाठशाला में एक साथ जाते और लौटते थे। एक दिन वापस लौटते समय उन्हें लगा कि
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के सा
Vallabhbhai Patel story: एक गांव के कुछ विद्यार्थी प्रतिदिन दूसरे गांव की पाठशाला में एक साथ जाते और लौटते थे। एक दिन वापस लौटते समय उन्हें लगा कि उनमें से एक विद्यार्थी कम है। खोजने पर पता चला कि वह विद्यार्थी पीछे रह गया है। सभी विद्यार्थी वापस उसके पास पहुंचे।
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एक विद्यार्थी ने पूछा, ‘‘तुम पीछे क्यों रुक गए हो?
उस विद्यार्थी ने वहीं से कहा, ‘‘ठहरो, मैं आता हूं।’’ वह धरती में गड़े हुए खूंटे को उखाड़ने के लिए उसे जोर-जोर से हिला रहा था।
तभी एक मित्र ने पूछा, ‘‘तुम उस खूंटे को क्यों उखाड़ना चाहते हो?
तब उस विद्यार्थी ने कहा, ‘‘वह बीच मार्ग में था और वहां आने-जाने वाला उसकी ठोकर से गिर पड़ता था इसलिए मैंने उसे हटाना ही उचित समझा।
यह बात सुनकर सभी बच्चे आश्चर्यचकित हो गए।
यह विद्यार्थी और कोई नहीं बल्कि स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल थे। यदि हम अपने अतिरिक्त दूसरों की सुख-सुविधा के बारे में भी विचार करें तो जीवन और अधिक आनंदित व सुखमय हो जाता है।