शुक्र ने किया शनि की राशि कुंभ में गोचर, जानें 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Jan, 2023 09:39 PM

शुक्र ने 22 जनवरी को अपना राशि परिवर्तन किया है और वह अपने मित्र ग्रह शनि की कुंभ राशि में आ गए हैं। शनि पहले से ही यहां गोचर कर रहे हैं, यहां पर शुक्र और शनि की युति बन गई है।

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Shani Shukra Yuti 2023: शुक्र ने 22 जनवरी को अपना राशि परिवर्तन किया है और वह अपने मित्र ग्रह शनि की कुंभ राशि में आ गए हैं। शनि पहले से ही यहां गोचर कर रहे हैं, यहां पर शुक्र और शनि की युति बन गई है। यह आपके लिए अच्छी चीज इसलिए है क्योंकि 12 में से 10 रशियों के लिए शुक्र का जो गोचर है वो शुभ होता है। आइए जानें 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा-

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मेष-
इस राशि के लिए शुक्र दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी बनते हैं। यह ग्रह मेष राशि के लिए मारक होता है क्योंकि यह 11वें भाव से गोचर कर रहा है तो यह आपके लिए शुभ है। धन में वृद्धि कर सकता है क्योंकि यह धन भाव का भी स्वामी है। कोई भी ग्रह गोचर में उसी के फल करता है, जिन घरों की उसके पास ओनरशिप होती है। सप्तम और दूसरे भाव को विशेष फल प्रदान करेंगे। शनि की जब लग्न पर दृष्टि पड़ती है तो व्यक्ति को थोड़ा जिद्दी बना देती है। कई बार कोई गलत स्टैंड लिया जाता है, जिसका बाद में नुकसान होता है। दूसरा भाव कुंटुंब, ईटिंग हैबिट्स, मित्रों और धन का भाव होता है। लाइफ या बिजनेस पार्टनर से भी अच्छे फल प्राप्त होंगे। 15 फरवरी तक कुछ अच्छा होगा आपके साथ। अपनी वाणी को नियंत्रण में रखें। भवनाओं में नहीं बहना क्योंकि जब शनि की दृष्टि लगन पर होती है तो थोड़ा सा जिद्दी बना देती है। सोच-विचार करके ही कोई निर्णय लें।  

वृष- इस राशि के मालिक ही शुक्र होते हैं। वृष राशि शुक्र के छठे भव में चली जाती है। लग्न का मलिक भी शुक्र है और छठे का मालिक भी शुक्र है। यहां पर शुक्र गोचर कर रहे हैं 10वें भाव से, जो शुभ नहीं होता। लग्नेश और षष्ठेश दोनों के लिए चीजें सही नहीं हैं। किसी भी अनावश्यक विवाद में पड़ने की जरुरत नहीं है। आने वाले कुछ दिनों में जब तक शुक्र कुंभ राशि में हैं कोई भी मित्र अथवा सगे-संबंधी की गारंटी न लें। किसी को भी उधार न दें। इन चीजों को खासतौर पर ध्यान रखें। अपने खानपान के प्रति सजग रहें क्योंकि छठा भाव रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। शुक्र की राशि छठे भाव में ही है। लग्नेश भी शुक्र है तो इसे थोड़ा कष्ट हो सकता है। राशि स्वामी का शुक्र होना और छटे भाव के स्वामी का शुक्र होना अच्छे फल नहीं देता। हालांकि यह शनि की राशि के साथ है और शनि कर्म के स्थान पर हैं। कर्म और समय के कारक शनि ही हैं। यह समय निकल तो जाएगा लेकिन काफी कुछ सीखा कर जाएगा। शुक्र का यह गोचर आपके लिए लर्निंग पिरियड साबित होगा।

मिथुन- इस राशि के जातको के लिए शुक्र 12 वें और पंचम भाव के स्वामी बनते हैं। आपकी कंडली में जो शुक्र का गोचर हो रहा है, वो भाग्य स्थान से हो रहा है। तो आपको दोनों भावों से शुभ फल प्राप्त होंगे। पंचम भाव ईजी गेनस का भाव होता है, यहां से स्टडी देखी जाती है। छात्रों के लिए यह गोचर अच्छा रहने वाला है। प्रेम भाव भी यहीं से देखे जाते हैं। अगला महीना फरवरी बहुत जल्द आ रहा है। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे है। जो भी पार्नटर के प्रति भावाएं होंगी अथवा युवा किसी को प्रपोज करने की इच्छ रखते हैं तो उनके लिए ससमय अच्छा है। शुक्र अच्छे फल करेंगे। निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख मिलेगा। शुक्र और गुरु दोनों के समन्वय से संतान की प्राप्ति होती है। शुक्र संतान देते हैं तो देव गुरु उसे सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं। 12 वां भाव अचानक से होने वाले खर्चों का भाव होता है, इसके अतिरिक्त हॉस्पिटेलाइजेशन, मोक्ष, विदेश यात्रा इसी भाव से देखे जाते हैं। विदेश जाने के रास्ते में आ रही समस्याएं खत्म होंगी।

कर्क- इस राशि के लिए शुक्र का गोचर अच्छे फल करेगा। कर्क राशि के लिए शुक्र आय भाव को स्वामी बनते हैं। कर्क राशि के लिए यह गोचर अष्टम में हो रहा है। वैसे किसी भी ग्रह क गोचर अष्टम में अच्छा नहीं होता। शुक्र केवल ऐसे ग्रह हैं, जिनका अष्टम में गोचर अच्छा माना जाता है। प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो शुक्र मदद करेंगे। कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो वो सफल होगी  लेकिन ड्राइव ध्यान से करें। 11 वां भव इच्छाओं की पूर्ति का भाव होता है। दसवें भाव से कर्म और आय देखते हैं। आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। धन वृद्धि के लिए यह गोचर काफी लाभदायक रहेगा।    

सिंह- इस राशि के लिए यह गोचर सप्तम भाव से हो रहा है। कालपुरुष की पत्रिक में यह शुक्र का अपना भाव होता है। यहां पर शुक्र बहुत आरामदायक स्थिती में होते हैं। यह आपकी कुंडली में तीसरे और दसवें भाव के स्वामी बनते हैं। इन दोनों भावों से अच्छे फल मिलेंगे। हालांकि तीसरा भाव कुंडली का अशुभ भाव होता है, यह अच्छा नहीं होता क्योंकि यह अष्टम का अष्टम होता है। तीसरा भाव हौंसले का भाव है। दृढ़ आत्मविश्वास यहीं से पैदा होता है। 15 फरवरी तक निश्चिंत तौर पर आप बोल्ड डिसीजन ले पाएंगे। शुक्र यहां पर कर्म स्थान के स्वामी हैं, भले ही आपका कोई भी काम हो। ऐसे लोग नार्मली मिडिया, ब्यूटी, रेस्टोरेंट से संबंधित होते हैं। आपको बहुत सारे लाभ प्राप्त होने वाले हैं क्योंकि शुक्र इस भाव के स्वामी हैं।

कन्या- यह एक ऐसी राशि है, जहां पर शुक्र का फल अशुभ साबित होगा। शुक्र कन्या राशि में छठे भाव से गोचर करेंगे। इस भाव से यह गोचर शुभ नहीं होता। धन हानि हो सकती है। दोस्तों से सावधन रहें, धोखा मिल सकता है। यह समय आपको दोस्त और दुश्मन का अंतर समझा कर जाएगा। शुक्र भाग्य स्थान के भी स्वामी बनते हैं। यह अध्यात्म का भाव है। धर्मिक यात्रा का प्रोग्राम बनेगा लेकिन जाने से पहले अच्छे से हर चीज की जांच-पड़ताल कर लें। आने वाले समय में जितना परिश्रम करेंगे, उसके अनुरुप फल प्राप्त नहीं होंगे। 15 फरवरी के बाद की गई मेहनत रंग लाएगी।

तुला- यह राशि शुक्र की अपनी राशि है। यह गोचर इन राशि वालों के लिए शुभ है। शुक्र पंचम भाव से गोचर कर रहे हैं। जो की अच्छा होता है। शुक्र यहां पर लग्नेश और षष्ठेश बनते हैं। तन, मन और हेल्थ सब कुछ लग्न से प्राप्त होता है। हर तरह से आपको लाभ प्राप्त होंगे। आपका कर्म, अरनिंग, सेहत अच्छे हो जाएंगे। अष्टम भाव से छुपे हुए फल आते हैं। जिसकी उम्मीद भी नहीं होती वो प्राप्त होता है। हाालांकि अष्टम के अशुभ फल भी होते हैं। अचानक से लॉस भी इसी भाव से आता है। ड्राइविंग ध्यान से करें और खानपान के प्रति सचेत रहें। 

वृश्चिक- यह गोचर चौथे भाव से हो रहा है तो यह आपके लिए बहुत शुभ रहने वाला है। शुक्र आपकी कुंडली में 12वें और सप्तम भाव के स्वामी बनते हैं। आपका कर्म स्थान एक्टिवेट होगा। जिसका आपको बहुत लाभ मिलेगा। बिजनेस या लाइफ पार्टनर से भी लाभ प्राप्त होंगे। हर तरह की बाधा समाप्त होगी। विदेश यात्रा हो सकती है। धन का फ्लो बढ़ेगा, जिससे खर्चों में भी वृद्धि के चांस हैं।

धनु- शुक्र छठे और 11वें भाव के स्वामी बनते हैं। अब ये दोनों भाव एक्टिवेट हैं। यह रोग, ऋण, शत्रु के साथ-साथ कर्म का भी कारक है। यह हर तरह से आपको लाभ देने की कोशिश करेंगे। थोड़े परिश्रम में ही बड़े-बड़े लाभ मिलेंगे। उम्मीद से अधिक लाभ मिलेगा। आपका काम काफी अच्छा हो सकता है। कोर्ट केस में विजय प्राप्त होगी। शुक्र के गोचर के दौरान भाग्य उज्जवल रहेगा।

मकर- शुक्र दूसरे भाव में गोचर करेंगे। शुक्र पंचम और दसवें भाव के स्वामी बनते हैं। इस दौरान आप कूल रहेंगे। हर फैसला विचार कर लेंगे। यदि मार्केट में निवेश करते हैं तो उस लिहाज से भी अच्छा है। ये राशि परिवर्तन छात्रों को भी सफलता देगा। कोई भी काम रुका है तो वो पूरा हो जाएग। यह शुभ गोचर है।

कुंभ- इस राशि में पहले से ही शनि का गोचर चल रहा है। ऊपर से शुक्र भी गोचर करना शुरु करेंगे। जीवनसाथी के साथ कोई समस्य चल रही है तो वो खत्म होगी। पार्टनरशिप को लेकर कोई ऊंच-नीच चल रही हो तो 15 फरवरी से पहले कोई खुशखबरी मिल जाएगी।  इस राशि के जातको ले किए शुक्र योगाकारक ग्रह कहलाते हैं। आपकी माता की सेहत में सुधार होगा। किसी जमीन-जायदाद को खरीदने की सोच रहे हैं तो लाभ होगा। भौतिक सुखों की प्राप्ति संभव है।  

मीन- आपकी राशि के लिए यह गोचर बारहवें भाव से हो रहा है और शुक्र एकलौते ऐसे ग्रह हैं जो 12 वें भाव में भी शुभ फल देते हैं। कालपुरु की कुंडली में शुक्र उच्च के हो जाते हैं। यह तीसरे और अष्टम भाव के स्वामी बनते हैं। हालांकि यह दोनों भाव अच्छे नहीं होते लेकिन यह अच्छे फल प्रदान करेंगे। ड्राइविंग को लेकर सावधान रहने की जरुरत है। यदि आप गुप्त विद्या सीख रहे हैं तो लाभ मिलेगा। ससुराल पक्ष से संबंध अच्छे होंगे।

नरेश कुमार
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