Edited By Radhika,Updated: 14 Jun, 2025 11:22 AM

मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और अब हालात युद्ध जैसे हो गए हैं। दोनों देशों के बीच हुए ताजा हमलों ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है।
नेशनल डेस्क: मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और अब हालात युद्ध जैसे हो गए हैं। दोनों देशों के बीच हुए ताजा हमलों ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है।
ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल का हमला-
खबर है कि शुक्रवार देर रात तक इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए। इन हमलों में अब तक 78 लोगों के मारे जाने और 350 से अधिक लोगों के घायल होने की दुखद खबर सामने आ रही है। इजरायल का दावा है कि ये हमले ईरान की परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को रोकने के लिए किए गए थे।

ईरान का पलटवार: बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला-
इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान ने इजरायल पर लगभग 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इनमें से छह मिसाइलें तो इजरायल की राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जिससे वहां दहशत फैल गई। इस हमले में एक महिला की मौत हो गई और 63 लोग घायल हुए हैं। ईरान ने तो यहां तक दावा किया है कि उसने इजरायल के रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाया है। ईरान के हमले की आशंका के चलते इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को पहले ही एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और बयानबाजी-
इस संघर्ष में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन और निंदा की बयानबाजी तेज हो गई है।
- अमेरिका का इजरायल को समर्थन: अमेरिका पहले ही इजरायल के साथ खड़ा दिख रहा है।
- चीन का ईरान को समर्थन: अब ईरान के समर्थन में चीन भी खुलकर सामने आ गया है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के डिप्लोमैट फू कांग ने इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि चीन ईरान की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन की निंदा करता है और युद्ध को आगे बढ़ाने के खिलाफ है।
अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते पर संकट-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से जल्द से जल्द परमाणु समझौता करने का आग्रह किया है, ताकि इजरायल के हमलों से सब कुछ खत्म होने से पहले स्थिति को संभाला जा सके। हालांकि, ईरान ने इस पर सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं और कहा है कि बातचीत का कोई मतलब नहीं है। रविवार को अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर छठे दौर की बातचीत होनी थी, लेकिन मौजूदा तनाव को देखते हुए अब यह रद्द कर दी गई है। यह स्थिति बेहद गंभीर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर तुरंत ध्यान देने की अपील की जा रही है ताकि क्षेत्र में शांति बहाल की जा सके।