Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 May, 2025 03:33 PM

सोवियत संघ का पुराना अंतरिक्ष यान कोसमोस 482 अब अनियंत्रित होकर धरती की ओर आ रहा है, जिसे 1970 में शुक्र ग्रह (Venus) के लिए भेजा गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मई के पहले दो हफ्तों में संभवतः 10 मई के आसपास पृथ्वी पर गिर सकता है।
नेशनल डेस्क. सोवियत संघ का पुराना अंतरिक्ष यान कोसमोस 482 अब अनियंत्रित होकर धरती की ओर आ रहा है, जिसे 1970 में शुक्र ग्रह (Venus) के लिए भेजा गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मई के पहले दो हफ्तों में संभवतः 10 मई के आसपास पृथ्वी पर गिर सकता है।
शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए भेजे गए इस यान के बूस्टर में खराबी आ गई थी, जिसके कारण यह दो हिस्सों में टूट गया था। इसका मुख्य भाग तो 5 मई 1981 को पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होकर नष्ट हो गया था, लेकिन इसका लैंडिंग कैप्सूल पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं निकल पाया और तब से पृथ्वी की अंडाकार कक्षा में घूम रहा है।
धरती के लिए कितना बड़ा खतरा?
यह लैंडिंग कैप्सूल अभी भी कक्षा में है। यह लगभग एक मीटर चौड़ा है और इसका वजन करीब 500 किलोग्राम है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह यान पृथ्वी के वायुमंडल में आने के बाद भी पूरी तरह से नहीं जलेगा, क्योंकि इसे शुक्र ग्रह के बहुत ज़्यादा दबाव और गर्मी को सहने के लिए बनाया गया था।
कहां गिर सकता है यह कैप्सूल?
वैज्ञानिकों के अनुसार, कोसमोस 482 का यह कैप्सूल 51.7 डिग्री के कक्षीय झुकाव के साथ 52 डिग्री उत्तर और 52 डिग्री दक्षिण अक्षांश के बीच कहीं भी गिर सकता है। इस क्षेत्र में कनाडा से लेकर दक्षिण अमेरिका तक का हिस्सा आता है। लेकिन, चूंकि पृथ्वी का ज़्यादातर हिस्सा समुद्र है, इसलिए इस यान के समुद्र में गिरने की संभावना सबसे ज़्यादा है।