Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Jun, 2025 10:25 AM

अहमदाबाद में 12 जून को हुए दुखद विमान हादसे के बाद से मुश्किलों का सामना कर रही टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन में बड़े बदलाव की घोषणा की है। विमानन कंपनी ने बताया कि 21 जून से 15 जुलाई के बीच वह हर सप्ताह...
नेशनल डेस्क। अहमदाबाद में 12 जून को हुए दुखद विमान हादसे के बाद से मुश्किलों का सामना कर रही टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन में बड़े बदलाव की घोषणा की है। विमानन कंपनी ने बताया कि 21 जून से 15 जुलाई के बीच वह हर सप्ताह 38 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कटौती करेगी जबकि तीन विदेशी मार्गों पर सेवाएं अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।
शेड्यूल में स्थिरता लाने और असुविधा कम करने का लक्ष्य
एयर इंडिया ने कहा कि 18 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों में यह कटौती शेड्यूल में स्थिरता बहाल करने और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है। यह विस्तृत घोषणा एक दिन पहले किए गए उस ऐलान के बाद आई है जिसमें विमानन कंपनी ने बड़े यात्री विमानों से संचालित उड़ानों में 15 प्रतिशत की अस्थायी कमी करने की बात कही थी।
एयर इंडिया ने एक बयान में स्पष्ट किया यह कटौती 21 जून 2025 से प्रभावी होगी और कम से कम 15 जुलाई 2025 तक जारी रहेगी।
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इन रूट्स पर सेवाएं रहेंगी निलंबित
जिन तीन विदेशी मार्गों पर 15 जुलाई तक सेवाएं निलंबित रहेंगी वे हैं:
➤ दिल्ली-नैरोबी
➤ अमृतसर-लंदन (गैटविक)
➤ गोवा (मोपा)-लंदन (गैटविक)
विमानन कंपनी के अनुसार दिल्ली-नैरोबी मार्ग पर प्रति सप्ताह चार उड़ानें हैं जबकि अमृतसर-लंदन (गैटविक) और गोवा (मोपा)-लंदन (गैटविक) मार्गों पर प्रति सप्ताह तीन उड़ानें संचालित होती हैं।
उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया सहित 18 रूट्स प्रभावित
इसके अतिरिक्त उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और सुदूर पूर्व के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले 18 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों की संख्या कम की जाएगी। उत्तरी अमेरिका के जिन महत्वपूर्ण मार्गों पर उड़ानों में कमी आएगी उनमें दिल्ली-टोरंटो, दिल्ली-वैंकूवर, दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को, दिल्ली-शिकागो और दिल्ली-वाशिंगटन शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, यह कटौती स्वैच्छिक रूप से उड़ान-पूर्व सुरक्षा जांच बढ़ाने के निर्णय के साथ-साथ पश्चिमी एशिया में हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण अतिरिक्त उड़ान अवधि को समायोजित करने के लिए हुई है। यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करने के एयर इंडिया के प्रयासों का हिस्सा है।