एशियन पेंट भरेगा आप में कामयाबी के रंग, खूब पैसा कमाने का मिलेगा मौका

Edited By Updated: 25 Sep, 2023 01:37 PM

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अगर आप एक अच्छे व्यवसाय की तलाश में हैं और खूब पैसा कमाना चाहते हैं तो एशियन पेंट के साथ मिलकर काम करना आपके लिए बेहद लाभदायक साबित होने वाला है। एशियन पेंट्स लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो रंग, घर की सजावट, फिटिंग से संबंधित उत्पादों...

नई दिल्ली:  अगर आप एक अच्छे व्यवसाय की तलाश में हैं और खूब पैसा कमाना चाहते हैं तो एशियन पेंट के साथ मिलकर काम करना आपके लिए बेहद लाभदायक साबित होने वाला है। एशियन पेंट्स लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो रंग, घर की सजावट, फिटिंग से संबंधित उत्पादों और सेवाएं प्रदान करने, निर्माण, बिक्री और वितरण के व्यवसाय में लगी हुई है। यह ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी बल्कि एशिया की चौथी सबसे बड़ी रंगो की कम्पनी है। 

एशियन पेंट्स ने "कामयाबी के रंग" एक श्रृंखला जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उनके साथ अनुबंध करने वालों का जीवन रंगों की दुनिया में रंगीन होने के बाद कैसे बदल जाता है। "कामयाबी के रंग" श्रृंखला 4 असल में ग्राहकों के घरों में आने वाली खुशी पर भी एक गहरी नजर डालती है। यह श्रृंखला धारणाओं को बदल देती है, उनके पेशे के मानवीय पक्ष को उजागर और उनके कौशल को प्रदर्शित करती है जो उन्हें दूसरों से अलग करता हैं। सामने आए कई बड़े उदाहरण में से एक, एशियन पेंट ने बनारस के मुगलसराय में रहने वाली आकृति नाम की एक लड़की की जिंदगी को बदलने का काम किया। 

आकृति ने एशियन पेंट्स कंपनी से अनुबंध किया हुआ है। वह आज अपने शहर में इतना नाम कमा चुकी हैं कि कोई भी सदस्य आकृति द्वारा घरों की सजावट करवाए बिना नहीं रह पाता। आकृति को रंग रोगन करने का शौक बचपन से ही था। वह दिल्ली में इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स करने आई थी। हालांकि, जब वह कलर अकादमी से जुड़ीं थीं तो उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने रंग रोगन के प्रति अपनी ज्यादा रुचि दिखाई तो वह घरों की रंगों की सजावट करने की कला में दक्ष हो गई। 

वहीं एशियन पेंट्स के जरिए जिंदगी बदलने वालों में से एक हैं गौरव मोर्या जो इंदौर के निवासी हैं। गौरव के पिता भी पेंटर रहे हैं जिनके द्वारा किए गए कई रंग रोगन आज भी पूरे इंदौर में प्रसिद्ध हैं। गौरव ने अपने रोजगार को बढ़ाने के लिए बाहरी राज्यों में जाकर भी नौकरी तलाशी, लेकिन अंत में उन्होंने फिर से अपने घर लौटकर रंग रोगन की ओर रूख किया। उन्होंने अपने चाचा के साथ 5 साल रहकर घरों में रगों की सजावट देना सीख लिया। 

हालांकि, जब उन्होंने अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का सोचा तो उन्होंने भी एशियन पेंट्स के साथ रंग रोगन करना जरूरी समझा। हालांकि, उनके सामने चुनौती थी कि ग्राहकों को कैसे अपनी ओर आकर्षित किया जाए। इसके लिए एशियन पेंट्स ने एक प्रोग्राम करवाया जहां गौरव को काफी कुछ सीखने को मिला। गौरव का कहना है, ''एशियन पेंट वालों ने मुझे एक प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी, जिसे देख मुझे लगा कि मैं एक पेशेवर व बड़ा कॉन्ट्रैक्टर बनने का सपना देख सकता हूं।'' "कामयाबी के रंग" श्रृंखला रंग रोगन कॉन्ट्रैक्टरों से जुड़ी रूढ़िवादिता को चुनौती देता है। यह उनकी बहुआयामी विशेषज्ञता को प्रकट करता है, गलतफहमियों को दूर करती है और उनकी कला के लिए नई सराहना पैदा करती करता है।

इस सीरीज की प्रत्येक कड़ी मुख्य कौशल पर प्रकाश डालती है - चाहे वह रचनात्मकता हो, सटीकता हो, या अनुकूलन क्षमता हो, जिसने उन्हें सफलता की ओर प्रेरित किया। ये सभी कौशल उनके पेशे के मूल को प्रदर्शित करते हैं और निरंतर विकास के महत्व को रेखांकित करते हैं। प्रभावशाली तरीके से "कामयाबी के रंग" पेंटिंग कॉन्ट्रैक्टरों के समर्पण, कलात्मक स्वभाव और स्थानों को जीवित कला में बदलने की क्षमता का सम्मान करती है। यह श्रंखला हमें उनके काम के गहरे प्रभाव और घरों एवं जीवन दोनों में उनके द्वारा लाए गए जीवंत रंगों को देखने का मौका देती है।
 

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