Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Jun, 2025 02:22 PM

कैंसर – एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही डर लगने लगता है। अक्सर जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक यह शरीर में काफी गहराई तक फैल चुका होता है। लेकिन अब इस खतरनाक बीमारी से मुकाबले की दिशा में एक बेहद क्रांतिकारी खोज सामने आई है। अमेरिका की जॉन्स...
नेशनल डेस्क: कैंसर – एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही डर लगने लगता है। अक्सर जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक यह शरीर में काफी गहराई तक फैल चुका होता है। लेकिन अब इस खतरनाक बीमारी से मुकाबले की दिशा में एक बेहद क्रांतिकारी खोज सामने आई है। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो कैंसर के लक्षण उभरने से करीब तीन साल पहले ही उसकी पहचान कर सकती है। यानी अब कैंसर का पता उसकी चुपचाप बढ़ती पकड़ से पहले ही लगाना संभव हो सकता है।
क्या है नई खोज?
यह नई तकनीक MCED टेस्ट (Multi-Cancer Early Detection Test) पर आधारित है, जो एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। इसमें शरीर के खून में मौजूद डीएनए, आरएनए और प्रोटीन में होने वाले बदलावों को स्कैन किया जाता है ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि व्यक्ति को भविष्य में कैंसर हो सकता है या नहीं। खास बात यह है कि यह टेस्ट एक साथ कई तरह के कैंसर का पता लगाने में सक्षम है, जबकि पारंपरिक टेस्ट आमतौर पर एक समय में केवल एक ही प्रकार के कैंसर की जांच कर पाते हैं।
रिसर्च में क्या सामने आया?
इस शोध में वैज्ञानिकों ने 52 लोगों के पुराने ब्लड सैंपल्स की जांच की। इनमें से 26 को बाद में कैंसर हुआ था और 26 पूरी तरह स्वस्थ थे। नतीजों में यह सामने आया कि टेस्ट पॉजिटिव आने वाले आठ लोगों में से छह को वास्तव में कैंसर हो गया, और उनमें से चार के 3 साल पुराने सैंपल्स में भी कैंसर से जुड़ी जेनेटिक म्यूटेशन पहले से मौजूद थी। यह बात खुद वैज्ञानिकों के लिए भी चौंकाने वाली थी।
अभी कितना कारगर है ये टेस्ट?
हालांकि यह खोज एक नई उम्मीद जगाती है, लेकिन अभी यह पूरी तरह से प्रयोगात्मक है। शोधकर्ताओं का कहना है कि टेस्ट के पॉजिटिव आने के बाद मरीज की मॉनिटरिंग और इलाज की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से तय करना बेहद ज़रूरी है। फिलहाल MCED टेस्ट पर क्लिनिकल ट्रायल्स जारी हैं और बड़े पैमाने पर इसकी उपयोगिता को परखा जा रहा है।