Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Jan, 2021 05:23 PM
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्तौल ASMI को विकसित किया है। डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना (Indian Army) की मदद से इस पिस्टल को तैयार किया गया है।
नेशनल डेस्क: डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्तौल ASMI को विकसित किया है। डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना (Indian Army) की मदद से इस पिस्टल को तैयार किया गया है। इस पिस्टल को डिफेंस फोर्सेस की 9 एमएम पिस्टल की जगह इस्तेमाल में लाया जा सकता है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे भारतीय सेना को इस्तेमाल करने के लिए दिया जाएगा।
फायर रेंज करीब 100 मीटर
न्यूज एजेंसी की मानें तो, इस पिस्टल की फायर रेंज करीब 100 मीटर तक है। इसे इजराइल की यूजी सीरीज की गन की तर्ज पर तैयार किया गया है। सेना द्वारा दिखाई गई प्रोटोटाइप पिस्टल से 300 से ज्यादा राउंड फायर किए जा चुके हैं, जिसे करीब 4 महीने पहले तैयार किया गया था।
हिमतापक हीटिंग डिवाइस
बता दें कि इससे पहले DRDO ने जवानों के लिए हिमतापक हीटिंग डिवाइस तैयार की थी। इस डिवाइस के जरिए सेना का बंकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी गर्म रहेगा। आर्मी ने DRDO को 420 करोड़ रुपए का ऑर्डर भी दे दिया है।
जवानों को बचाएगी जहरीली गैस से
यह हीटिंग डिवाइस बैक ब्लास्ट के दौरान निकलने वाली जहरीली गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से भी जवानों को बचाएगी। यह गैस इतनी जहरीली होती है कि इससे जवानों की मौत तक हो जाती है।जब कोई सैनिक लॉन्चर को कंधे या जमीन पर रखकर रॉकेट छोड़ता है तो उसके पीछे से जहरीली गैस निकलती है। उस एरिया को ही बैक ब्लास्ट एरिया कहते हैं।