ICICI बैंक में बड़ा फ्राॅड: मैनेजर ने 41 ग्राहकों के 110 खातों से ₹4.58 करोड़ निकाल शेयर बाजार में किया निवेश

Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Jun, 2025 07:41 PM

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राजस्थान के कोटा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने बैंकिंग सिस्टम और आम जनता के भरोसे को हिला कर रख दिया है। एक प्राइवेट बैंक की महिला अधिकारी ने जो किया, वो न सिर्फ हैरान करने वाला है, बल्कि पूरे तंत्र पर सवाल खड़े करता है।

नेशनल डेस्क: राजस्थान के कोटा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने बैंकिंग सिस्टम और आम जनता के भरोसे को हिला कर रख दिया है। एक प्राइवेट बैंक की महिला अधिकारी ने जो किया, वो न सिर्फ हैरान करने वाला है, बल्कि पूरे तंत्र पर सवाल खड़े करता है।

ICICI बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता पर आरोप है कि उसने बैंक के ही खातों से चुपचाप करोड़ों रुपये निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर दिए — और ये सब उसने तीन साल तक लगातार किया, बिना किसी को भनक लगे।

कैसे हुआ फ्रॉड? मोबाइल नंबर बदले, OTP खुद को भेजे

साक्षी गुप्ता ने साल 2020 से 2023 के बीच 41 ग्राहकों के 110 खातों से करीब ₹4.58 करोड़ की रकम निकाल ली। उसने बैंक की ‘यूजर FD लिंक’ प्रणाली का गलत फायदा उठाया। इतना ही नहीं, उसने खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों को बदलकर अपने और परिवार के नंबर जोड़ दिए, ताकि कोई अलर्ट या OTP असली ग्राहक को न मिल सके। सभी वन-टाइम पासवर्ड (OTP) एक विशेष सिस्टम के जरिए उसकी खुद की डिवाइस पर आते थे — जिससे उसे रकम निकालने में किसी अड़चन का सामना नहीं करना पड़ा।

नुकसान हुआ तो सामने आया खेल

शुरुआत में साक्षी शेयर बाजार में निवेश से मुनाफा कमा रही थी, लेकिन जब घाटा होने लगा तो मामला बिगड़ गया। निवेश की गई रकम वापस नहीं आई और ग्राहकों के पैसे डूब गए।फ्रॉड तब सामने आया जब एक ग्राहक अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की जानकारी लेने बैंक पहुंचा। जांच में गड़बड़ी उजागर हुई और जैसे-जैसे परतें खुलती गईं, मामला गंभीर होता चला गया।

शादी के माहौल में गिरफ्तारी

इस पूरे घोटाले की रिपोर्ट 18 फरवरी को दर्ज कराई गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साक्षी को उसकी बहन की शादी के दिन ही गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। ICICI बैंक ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा, "जैसे ही धोखाधड़ी की जानकारी मिली, हमने तुरंत FIR दर्ज कराई और संबंधित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है। जिन ग्राहकों को नुकसान हुआ, उनके दावों का समाधान कर दिया गया है।"

ग्राहकों में डर का माहौल

इस घटना के बाद बैंक के कई ग्राहक डरे और परेशान नजर आए। एक ग्राहक महावीर प्रसाद ने कहा, "अब न पैसे घर में सुरक्षित हैं, न बैंक में। भरोसा किस पर करें?" ये घोटाला न केवल एक व्यक्ति की करतूत नहीं है, बल्कि पूरे बैंकिंग सिस्टम में कमजोर निगरानी और अनदेखी का संकेत है।

सबक और चेतावनी: भरोसे के साथ तकनीक की निगरानी भी जरूरी

इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि टेक्नोलॉजी जितनी फायदेमंद है, अगर उसकी निगरानी कमजोर हो तो वह भारी नुकसान का कारण भी बन सकती है। बैंकिंग संस्थानों को कर्मचारियों पर निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त करने की ज़रूरत है। साथ ही, ग्राहकों को भी सलाह है कि वे अपने बैंक खातों की नियमित जांच करें, मोबाइल अलर्ट ऑन रखें और किसी भी गड़बड़ी की तुरंत जानकारी बैंक को दें।

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