Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 May, 2025 07:59 AM

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 6 मई की रात भारतीय सेना द्वारा सीमा पार आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद हालात और भी ज्यादा गंभीर हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे...
नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 6 मई की रात भारतीय सेना द्वारा सीमा पार आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद हालात और भी ज्यादा गंभीर हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर हालात युद्ध तक पहुंचते हैं, तो क्या सिर्फ सीमा पर ही नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा?
इतिहास गवाह है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ चार युद्ध लड़े हैं—1947, 1965, 1971 और 1999 में। हर बार युद्ध के बाद देश को आर्थिक मोर्चे पर भारी कीमत चुकानी पड़ी है। इस बार भी अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए, तो आर्थिक नुकसान तय माना जा रहा है।
युद्ध और अर्थव्यवस्था: एक खतरनाक तालमेल
युद्ध के समय सरकार का ध्यान जनता के कल्याण से हटकर रक्षा खर्च की ओर मुड़ जाता है। इससे विकास परियोजनाएं या तो रोक दी जाती हैं या उनमें भारी कटौती होती है। भारत जैसे विकासशील देश, जिसकी बड़ी आबादी कृषि और असंगठित क्षेत्र पर निर्भर है, युद्ध की स्थिति में आर्थिक झटकों से ज्यादा प्रभावित होता है।
GDP पर पड़ा है असर
इतिहास बताता है कि जब भी युद्ध हुआ है, GDP को गिरावट का सामना करना पड़ा है:
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1965: विकास दर 7.6% से गिरकर 2% हो गई।
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1971: GDP में 1.19% की गिरावट आई।
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1984: विकास दर 5% से घटकर 2% रह गई।
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1999: यह एक अपवाद था, जब GDP 8.85% रही, लेकिन इसके पीछे वैश्विक आर्थिक कारक जिम्मेदार थे, न कि घरेलू मजबूती।
युद्ध के कारण राजकोषीय घाटा भी बढ़ जाता है। 1999 में यह आंकड़ा 9% से ऊपर चला गया था।
उद्योग, रोजगार और महंगाई पर असर
अगर युद्ध छिड़ता है तो बिजली और ईंधन की आपूर्ति पर असर पड़ेगा, जिससे उद्योगों का उत्पादन घटेगा। इससे न सिर्फ बेरोजगारी बढ़ेगी, बल्कि बाजार में वस्तुओं की कमी से महंगाई भी आसमान छू सकती है। ऐसे हालातों में गरीब और मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
हालिया घटनाओं से बनी चिंता की लकीर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय कार्रवाई के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी अब एक खतरनाक मोड़ पर है। पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे ड्रोन हमले हालात को और जटिल बना रहे हैं।