Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Dec, 2022 08:36 AM
प्रभु यीशू मसीह के आगमन से 700 वर्ष पहले यशायाह नबी ने जो भविष्यवाणी की थी, उसके बारे में पवित्र बाईबल में इस तरह लिखा गया है कि ‘‘प्रभु अर्थात परमेश्वर तुम्हें एक निशान देगा। देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी।
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Merry Christmas 2022: प्रभु यीशू मसीह के आगमन से 700 वर्ष पहले यशायाह नबी ने जो भविष्यवाणी की थी, उसके बारे में पवित्र बाईबल में इस तरह लिखा गया है कि ‘‘प्रभु अर्थात परमेश्वर तुम्हें एक निशान देगा। देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी। वे उसका नाम इमानुएल रखेंगे। (यशायाह-7.14)
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इस भविष्यवाणी की पुष्टि युहन्ना नबी ने मसीह के जन्म के समय ‘शब्द देहधारी हुआ’ कह कर की। ‘शब्द’ का उल्लेख प्रभु यीशू मसीह के जन्म से हजारों वर्ष पूर्व लिखित पवित्र बाईबल की प्राचीन पुस्तक ‘उत्पत्ति’ में इस प्रकार किया गया है कि, ‘‘आदि में ‘शब्द’ था। ‘शब्द’ परमेश्वर के साथ था। ‘शब्द’ ही परमेश्वर था।’’ यहां ‘शब्द’ प्रभु यीशू मसीह के लिए प्रयोग किया गया था।
कैसर आगस्तस की हुकूमत में यहूदिया के बादशाह हैरोदीस, जो स्वयं को परमेश्वर कहता था, अपनी प्रजा पर भारी अत्याचार ढा रहा था। उस समय परमेश्वर ने उन पीड़ित लोगों को हैरोदीस के अत्याचारों से राहत दिलाने के लिए अपने सबसे प्यारे और पहले बेटे (शब्द) यीशू मसीह को इस संसार में भेजा।
जिस तरह परमेश्वर सृजा नहीं गया, उसी तरह मसीह भी हैं। जैसे परमेश्वर आदि अर्थात शुरू से हैं, उसी तरह प्रभु यीशू मसीह भी हैं, जिनका न कोई शुरू है और न अंत है। वह अद्वितीय हैं।
इनके जन्म के बारे में पवित्र बाईबल में इस तरह लिखा गया है- यीशू की माता मरियम की एक बढ़ई यूसुफ के साथ मंगनी हो चुकी थी और उनके इकट्ठे होने से पहले पवित्र आत्मा से मरियम गर्भवती पाई गई जबकि उसका पति यूसुफ जो बड़ा धार्मिक मनुष्य था, वह नहीं चाहता था कि उसको कलंकित करे। उसने यह योजना बनाई कि वह मरियम को चुपचाप छोड़ देगा। जब यूसुफ इस सोच में डूबा हुआ था तो परमेश्वर के एक दूत ने स्वप्न में उसे दर्शन देकर कहा- हे यूसुफ, दाऊद के पुत्र, तू अपनी मंगेतर मरियम को घर लाने से मत डर क्योंकि जो उसकी कोख में है वह पवित्र आत्मा से है। वह पुत्र जनेगी। तू उसका नाम यीशू रखना। वह अपने लोगों को पापों से बचाएगा। यह सब इसलिए हुआ कि जो प्रभु ने नबी की जुबानी कहा था पूरा हो।
उन दिनों जब मरियम गर्भवती थी तो कैसर आगस्तस की हुकूमत द्वारा जनगणना के लिए सबको यरूशलम के शहर बैतलहम जाकर अपना नाम लिखवाने के लिए कहा गया, जिसके तहत मरियम और यूसुफ को वहां जाना पड़ा। वहां उन्हें ठहरने के लिए कोई जगह न मिलने पर वे एक तबेले में ठहरे जहां यीशू का जन्म हुआ। उस समय आकाश पर एक रूहानी सितारा दिखाई दिया, जिसकी चकाचौंध-रौशनी को देखकर संसार की चारों दिशाओं से भविष्यवक्ताओं ने अपने ज्योतिष ज्ञान से पता लगाया कि वह हस्ती कहां पैदा हो सकती है। ज्योतिषी अपने-अपने देशों से उस महान हस्ती की तलाश में निकल पड़े। इस तलाश में रूहानी सितारे ने उनकी सहायता की।
यीशू मसीह साढ़े 33 वर्ष इस दुनिया में रहे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक चमत्कार किए। अंधों को आंखें दीं, मुर्दों को जिंदा किया, दो मछलियों और पांच रोटियों से हजारों लोगों को भोजन कराया। ये सब कार्य उन्होंने जादू से नहीं, श्रद्धालुओं के विश्वास और परमेश्वर की मर्जी से किए।
अगर प्रभु यीशू मसीह की शिक्षाओं पर नजर डाली जाए तो ये इतनी सरल हैं कि आम आदमी उन्हें ग्रहण करके अपना जीवन रूहानी बना सकता है। उनके उपदेश बहुत ही प्रभावशाली हैं। उन्होंने अपने इन उपदेशों में इंसान को अपने आपको पहचानने के लिए बहुत ही सरल ढंग से समझाया।
उन्होंने किसी को क्षमा कर देने को सबसे बड़ा धर्म बताया तथा लोगों को बदले की भावना त्यागने की प्रेरणा दी। उन्होंने एक सामरी औरत, जो उस समय की सबसे नीच जाति कहलाती थी, से पानी पीकर ऊंच-नीच व छुआछूत के भेदभाव को खत्म करने का संदेश दिया।
उन्होंने सदैव ही प्रेम, सद्भावना, आपसी भाईचारे और एकता का संदेश संसार में रहने वाले हर व्यक्ति को दिया। इसलिए प्रभु यीशू मसीह का 2022वां जन्मोत्सव सारे संसार के लोगों द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। परमेश्वर ने संसार से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया, ताकि हर एक, जो उस पर विश्वास करे, उसका नाश न हो परंतु सदा का जीवन प्राप्त करे।