इस पाठ से प्रसन्न होंगे श्रीराम और हनुमान, साथ मिलेगा रावण के भाई का तप-बल

Edited By Updated: 22 Mar, 2018 11:26 AM

shriram and hanuman will be pleased with this method

हिंदू पंचांग के अनुसार 25 मार्च को रामनवमी और 31 मार्च को हनुमान जयंती पर्व का आगमन हो रहा है। प्रभु श्रीराम और उनके अनन्य भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमद वडवानल स्तोत्र का पाठ उत्तम साधन है।

हिंदू पंचांग के अनुसार 25 मार्च को रामनवमी और 31 मार्च को हनुमान जयंती पर्व का आगमन हो रहा है। प्रभु श्रीराम और उनके अनन्य भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमद वडवानल स्तोत्र का पाठ उत्तम साधन है। रावण के भाई श्री विभीषण भगवान राम व हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। अपनी पूजा में वो निरंतर दोनों की पूजा किया करते थे। भक्त विभीषण ने कष्टों से मुक्ति व सुरक्षा हेतु हनुमद वडवानल स्तोत्र की रचना की थी। इस चमत्कारी वडवानल स्तोत्र पर भगवान श्रीराम व हनुमान जी का आशीर्वाद तो है ही साथ में विभीषण का तप और बल भी इस स्तोत्र के साथ है। अत: इस शक्तिशाली स्तोत्र के पाठ से न सिर्फ व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है अपितु उसकी अभीष्ठ इच्छाओं की भी पूर्ति होती है।


यह स्तोत्र सभी रोगों के निवारण में, दूसरों के द्वारा किए गए पीड़ा कारक कार्यों से बचाव, राज-बंधन विमोचन आदि कई प्रयोगों में काम आता है।


विधि: सरसों के तेल का दीपक जलाकर 108 पाठ नित्य 41 दिन तक करने पर सभी बाधाओं का शमन होकर अभीष्ट कार्य की सिद्धि होती है।


विनियोग:- ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषि:, श्रीहनुमान् वडवानल देवता, ह्रां बीजम्, ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं, मम समस्त विघ्न-दोष निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थे सकल- राज- कुल- संमोहनार्थे, मम समस्त- रोग प्रशमनार्थम् आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त- पाप-क्षयार्थं श्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये।


ध्यान:- मनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।


वडवानल स्तोत्र :- ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते प्रकट-पराक्रम सकल- दिङ्मण्डल- यशोवितान- धवलीकृत- जगत-त्रितय वज्र-देह रुद्रावतार लंकापुरीदहय उमा-अर्गल-मंत्र उदधि-बंधन दशशिर: कृतान्तक सीताश्वसन वायु-पुत्र अञ्जनी-गर्भ-सम्भूत श्रीराम-लक्ष्मणानन्दकर कपि-सैन्य-प्राकार सुग्रीव-साह्यकरण पर्वतोत्पाटन कुमार- ब्रह्मचारिन् गंभीरनाद सर्व- पाप- ग्रह- वारण- सर्व- ज्वरोच्चाटन डाकिनी- शाकिनी- विध्वंसन ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीर-वीराय सर्व-दु:ख निवारणाय ग्रह-मण्डल सर्व-भूत-मण्डल सर्व-पिशाच-मण्डलोच्चाटन भूत-ज्वर-एकाहिक-ज्वर, द्वयाहिक-ज्वर, त्र्याहिक-ज्वर चातुर्थिक-ज्वर, संताप-ज्वर, विषम-ज्वर, ताप-ज्वर, माहेश्वर-वैष्णव-ज्वरान् छिन्दि-छिन्दि यक्ष ब्रह्म-राक्षस भूत-प्रेत-पिशाचान् उच्चाटय-उच्चाटय स्वाहा ।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्र: आं हां हां हां हां ॐ सौं एहि एहि ॐ हं ॐ हं ॐ हं ॐ हं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते श्रवण-चक्षुर्भूतानां शाकिनी डाकिनीनां विषम-दुष्टानां सर्व-विषं हर हर आकाश-भुवनं भेदय भेदय छेदय छेदय मारय मारय शोषय शोषय मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय प्रहारय प्रहारय शकल-मायां भेदय भेदय स्वाहा।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते सर्व-ग्रहोच्चाटन परबलं क्षोभय क्षोभय सकल-बंधन मोक्षणं कुर-कुरु शिर:-शूल गुल्म-शूल सर्व-शूलान्निर्मूलय निर्मूलय नागपाशानन्त- वासुकि- तक्षक- कर्कोटकालियान् यक्ष-कुल-जगत-रात्रिञ्चर-दिवाचर-सर्पान्निर्विषं कुरु-कुरु स्वाहा।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते राजभय चोरभय पर-मन्त्र-पर-यन्त्र-पर-तन्त्र पर-विद्याश्छेदय छेदय सर्व-शत्रून्नासय नाशय असाध्यं साधय साधय हुं फट् स्वाहा।


उपरोक्त हनुमद वडवानल स्तोत्र का निरंतर एक से ग्यारह पाठ करने से सभी समस्याओ का हल निश्चित मिलता है।

आचार्य अनुपम जौली
www.astrologyrays.com

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!