आज मनाया जा रहा है महान वैष्णव श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज का जन्मशताब्दी उत्सव

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Apr, 2024 08:46 AM

srila bhakti ballabh tirtha goswami maharaj

परम पूज्यपाद श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज (श्रील गुरुदेव) का प्राकट्य 1924 में असम के ग्वालपाड़ा धाम में रामनवमी के

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Birth Centennial Annual of Om Vishnupad 108 Sri Srimad Bhakti Ballabh Tirtha Goswami Maharaj: परम पूज्यपाद श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज (श्रील गुरुदेव) का प्राकट्य 1924 में असम के ग्वालपाड़ा धाम में रामनवमी के पावन अवसर पर हुआ। बाल्यकाल से ही वह दीनता, गुरुजनों एवं शिक्षकों के प्रति आज्ञाकारिता, सांसारिक विषयों के प्रति उदासीनता, आध्यात्मिक जीवन में स्वाभाविक गुणों से विभूषित थे। वर्ष 1947 में दर्शन शास्त्र में एम.ए. की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु श्रील भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज से प्रभावित होकर अपने जीवन को सम्पूर्ण रूप से उनकी सेवा में समर्पित कर दिया।

PunjabKesari Srila Bhakti Ballabh Tirtha Goswami Maharaj

श्रील माधव गोस्वामी महाराज शुद्ध भक्ति के प्रवर्तक जगद्गुरु श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद के प्रिय शिष्यों में से एक थे। श्रील गुरुदेव ने अपने गुरुदेव की शिक्षाओं को अक्षरश: पालन कर एक उत्तम शिष्य का आदर्श स्थापित किया एवं अथक सेवाभाव के साथ श्री चैतन्य गौड़िय मठ संस्थान की गतिविधियों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। श्री चैतन्य महाप्रभु की शुद्ध भक्ति शिक्षाओं के प्रचार के लिए उन्होंने अपने गुरुदेव के साथ व्यापक रूप से यात्राएं कीं। उनके गुरुदेव ने पहले ही उन्हें संस्थान के अगले आचार्य के रूप में घोषित कर दिया था।

उन्होंने 1997 में शुद्ध-भक्ति सिद्धांतों के प्रचार के लिए विदेश यात्राओं के तहत ब्रिटेन, हालैंड, इटली, स्पेन, आस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, फ्रांस, रूस, यूक्रेन, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, हवाई और अमरीका सहित 25 देशों में भ्रमण किया। प्रचार कार्यों के दौरान श्रील गुरुदेव के अनेक कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, यहूदी, मुस्लिम, हिन्दू और बहाई धर्मशास्त्रियों के साथ रोमांचक वार्तालाप भी हुए। उनके मृदु, स्नेहमय स्वभाव एवं हरि-गुरु-वैष्णव में सुदृढ़ निष्ठा ने सबके मन को जीत लिया। गुरु-वैष्णवों की सेवा के प्रति श्रील गुरुदेव का समर्पण सभी वैष्णव आचार्यों के लिए एक उत्तम आदर्श है।  

PunjabKesari Srila Bhakti Ballabh Tirtha Goswami Maharaj

शुद्ध भक्ति शिक्षाओं के विश्वव्यापी प्रचार के उद्देश्य से श्रील गुरुदेव ने 1997 में ‘गोकुल - द ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ कृष्णचैतन्याज यूनिवर्सल लव’ नामक संस्था की स्थापना की। वह ‘वर्ल्ड वैष्णव एसोसिएशन’ के अध्यक्ष भी रहे। श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान पूरे विश्व में इस वर्ष श्री रामनवमी (17 अप्रैल) को श्रील गुरुदेव का जन्मशताब्दी महोत्सव बहुत हर्षोल्लास सहित मना रहा है जिसमें मुख्य आयोजन असम स्थित उनके जन्मस्थान श्री ग्वालपाड़ा धाम में किया जा रहा है।

PunjabKesari Srila Bhakti Ballabh Tirtha Goswami Maharaj

राजेश शर्मा, (महासचिव, श्री चैतन्य महाप्रभु श्री श्री राधा माधव मन्दिर, प्रताप बाग, जालंधर)

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!