बांग्लादेश बन सकता युद्ध का मैदान! देश की संप्रभुता और लोकतंत्र पर मंडरा रहा खतरा

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2025 12:32 PM

bangladesh a broken ship with a leader who has no experience

बांग्लादेश के इतिहास में अब तक अंतरिम सरकारों का एक ही मकसद रहा है देश में  शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनावों का आयोजन कराना। लेकिन मौजूदा अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व  मोहम्मद यूनुस  कर रहे ...

Dhaka: बांग्लादेश के इतिहास में अब तक अंतरिम सरकारों का एक ही मकसद रहा है देश में  शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनावों का आयोजन कराना। लेकिन मौजूदा अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व  मोहम्मद यूनुस  कर रहे हैं, इस सिद्धांत से काफी दूर नजर आ रही है।यह सरकार न तो चुनी गई है और न ही इसके पास जनता का कोई सीधा जनादेश है। इसके बावजूद, यूनुस सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनसे देश की  संप्रभुता, अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा है।


 
 पहला विवादास्पद फैसला: म्यांमार में “मानवीय कॉरिडोर” का निर्माण
यूनुस सरकार ने  म्यांमार के रखाइन राज्य  में एक मानवीय गलियारे (Humanitarian Corridor) की शुरुआत की है। इस गलियारे के ज़रिये बांग्लादेश ने म्यांमार के आंतरिक संघर्षों में सीधी दखलंदाज़ी शुरू कर दी है। इससे बांग्लादेश खुद को अराकान आर्मी, विदेशी खुफिया एजेंसियों और म्यांमार की सैन्य सत्ता के जाल में उलझा बैठा है।इस फैसले को अमेरिका का समर्थन मिला, लेकिन इसके चलते चीन और भारत के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ गया।

 

यूनुस ने इस गलियारे की तुलना गाजा के मानवीय गलियारे से की, लेकिन गाजा में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी होती है, जबकि म्यांमार में स्थिति बेहद अस्थिर और बेकाबू है।यह गलियारा चटगांव और कॉक्स बाजार के रास्ते बन रहा है, जो पहले से ही अमेरिका, चीन और भारत की रणनीतिक निगाह में हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार,  कॉक्स बाजार एयरपोर्ट  को अमेरिका गुप्त रूप से अराकान आर्मी की मदद के लिए  इस्तेमाल कर रहा है। अराकान आर्मी म्यांमार सरकार के खिलाफ हिंसक संघर्ष में लगी हुई है, जो एक बड़े क्षेत्रीय संकट का कारण बन सकता है।
 

दूसरा विवादास्पद फैसला: चटगांव बंदरगाह की विदेशी कंपनी को लीज पर देना
यूनुस सरकार ने  राष्ट्रीय राजस्व आयोग (National Revenue Commission) को खत्म कर दिया और साथ ही चटगांव बंदरगाह का सबसे अहम हिस्सा DP World नामक विदेशी कंपनी को मुनाफे के लिए लीज पर दे दिया ।यह नया कंटेनर टर्मिनल (NCT), जो 144 मिलियन यूरो की सरकारी राशि से बना अब बांग्लादेश के हाथों से निकलकर एक विदेशी कंपनी के नियंत्रण में चला गया। यह टर्मिनल बंदरगाह की  60% से अधिक कमाई  करता है और पहले बिना किसी बाहरी दखल के अच्छी तरह काम कर रहा था।

 

इस सौदे से जहां आर्थिक लाभ विदेशी हाथों में चला गया वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है क्योंकि यह बंदरगाह रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इलाकों  के पास स्थित है।और सबसे चिंताजनक बात 7,000 से ज्यादा बांग्लादेशी बंदरगाह कर्मियों की नौकरियां चली गईं। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने अब तक ऐसे फैसले लिए हैं जो बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक संप्रभुता और क्षेत्रीय संतुलन  के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। एक ऐसी सरकार, जिसे जनता ने नहीं चुना, अगर इस तरह के जोखिम उठाएगी तो बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय संकटों और आंतरिक विरोधों  का सामना करना पड़ सकता है।
 

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