Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Jun, 2025 03:27 PM

छत्तीसगढ़ के केशकाल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ईरागाँव पंचायत से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है. यहाँ के एक रोजगार सहायक संजय नेगी पर आरोप है कि उसने राशन कार्ड बनाने के बदले पहले मुर्गा और फिर शारीरिक संबंध की डिमांड की. इस घटना के सामने आने के...
नेशनल डेस्क। छत्तीसगढ़ के केशकाल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ईरागाँव पंचायत से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है. यहाँ के एक रोजगार सहायक संजय नेगी पर आरोप है कि उसने राशन कार्ड बनाने के बदले पहले मुर्गा और फिर शारीरिक संबंध की डिमांड की. इस घटना के सामने आने के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और पीड़िता ने जनपद पंचायत तथा SDM कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
क्या है पूरा मामला?
आवेदिका ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने ईरागाँव पंचायत के रोजगार सहायक संजय नेगी से राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया था. जब कार्ड बन गया तो संजय नेगी ने कथित तौर पर पहले 'मुर्गा' की मांग की. महिला ने स्पष्ट किया कि उनके पास मुर्गा नहीं है और वे इसके बदले 500 रुपये दे सकती हैं. इस पर आरोपी ने कथित रूप से कहा, अब पैसा नहीं चाहिए एक रात तू चाहिए.
यह सुनकर महिला हक्का-बक्का रह गई और उसने तुरंत अपने पति को इस घटना की जानकारी दी. इसके बाद पूरे परिवार ने ग्राम पंचायत में इस शर्मनाक व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई.
ग्राम पंचायत और SDM ने लिया संज्ञान
ग्राम पंचायत स्तर पर पंच-सरपंच की उपस्थिति में रोजगार सहायक के खिलाफ उचित कार्यवाही का प्रस्ताव पारित किया गया. मामला बढ़ता देख महिला ने 9 जून को केशकाल जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत भी की.
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इस गंभीर शिकायत को लेकर केशकाल के SDM अंकित चौहान ने तुरंत संज्ञान लिया. उन्होंने कहा, हमें शिकायत प्राप्त हुई है. इस संबंध में जांच टीम गठित कर दी गई है. यदि आरोप सत्य पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. SDM ने जनता से यह भी अपील की कि यदि कोई भी हितग्राही से इस प्रकार की अनैतिक मांग करता है तो तुरंत शिकायत करें.
यह मामला छत्तीसगढ़ की पंचायत व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और महिला अधिकारों के दमन का एक चिंताजनक उदाहरण पेश करता है. जहाँ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य ज़रूरतमंदों तक सुविधाएँ पहुँचाना है वहीं कुछ भ्रष्ट अधिकारी इन योजनाओं का निजी फायदे के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं. यह घटना महिला सम्मान से खिलवाड़ पर गंभीर सवाल खड़े करती है.