Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Jun, 2025 01:44 PM

गुजरात में गर्मी से बेहाल लोगों को जल्द राहत मिलने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि अभी राज्य में बारिश का माहौल नहीं है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में तटीय जिलों में बूंदाबांदी शुरू हो सकती है और मॉनसून की एंट्री का रास्ता तैयार होता...
नेशनल डेस्क: गुजरात में गर्मी से बेहाल लोगों को जल्द राहत मिलने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि अभी राज्य में बारिश का माहौल नहीं है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में तटीय जिलों में बूंदाबांदी शुरू हो सकती है और मॉनसून की एंट्री का रास्ता तैयार होता नजर आ रहा है।
राज्य के 13 जिलों में आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि मॉनसून अब धीरे-धीरे सक्रिय होने की ओर बढ़ रहा है। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो अगले कुछ दिनों में दक्षिण गुजरात में मॉनसून की पहली बौछारें देखने को मिल सकती हैं।
कब और कहां हो सकती है बारिश?
मौसम विभाग के मुताबिक, 10 जून से 12 जून के बीच अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ, तापी, नवसारी, वलसाड, दमन और दादरा नगर हवेली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, 13 जून को बरसात का दायरा और बढ़ेगा और वडोदरा, पंचमहल, भरूच, नर्मदा और सूरत जैसे जिलों में भी बारिश की संभावना जताई गई है। 14 जून को राजकोट, जूनागढ़, बोटाद, अरावली और महिसागर समेत कई हिस्सों में छिटपुट बारिश के आसार हैं।
Recorded Maximum Temperature at 1730 Hrs IST of 09th June 2025#IMD #Weatherupdate #mausam #Heatwave #Temperature #MaximumTemperature #Rajasthan #UttarPradesh #haryana #delhi #MadhyaPradesh #Odisha @moesgoi @ndmaindia @DDNational @airnewsalerts pic.twitter.com/MpLFDnERRW
— India Meteorological Department (@Indiametdept) June 9, 2025
मॉनसून की एंट्री कब?
मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि मॉनसून 10 जून के आसपास वलसाड में दस्तक दे सकता है, हालांकि शुरुआती दिनों में इसकी रफ्तार धीमी रहेगी। अगर हालात अनुकूल रहे, तो 12 से 15 जून के बीच मॉनसून गुजरात के बड़े हिस्सों में सक्रिय हो सकता है।
लोगों के लिए अलर्ट और सुझाव:
-
किसान अपने खेतों की तैयारी मॉनसून की रफ्तार को देखते हुए करें।
-
जलभराव और बिजली गिरने जैसे जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहें।
-
स्वास्थ्य और यात्रा योजनाएं मौसम की स्थिति के अनुसार बनाएं।