Edited By Mehak,Updated: 27 Jun, 2025 01:52 PM

सरकार द्वारा चलाई जा रही स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) मिडिल क्लास परिवारों के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प होती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है Public Provident Fund (PPF), जो एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है और लोगों को सुरक्षित निवेश...
नेशनल डेस्क : सरकार द्वारा चलाई जा रही स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) मिडिल क्लास परिवारों के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प होती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है Public Provident Fund (PPF), जो एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है और लोगों को सुरक्षित निवेश के साथ अच्छा रिटर्न देती है।
यह योजना 15 साल की मैच्योरिटी अवधि के साथ आती है और इसे 5-5 साल के दो चरणों में आगे भी बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल इस योजना पर 7.1% सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है, जो कि टैक्स फ्री है। यानी PPF अकाउंट में जमा रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि – तीनों ही पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
ब्याज दर में हो सकती है कटौती
हाल ही में खबरें आ रही हैं कि सरकार जुलाई 2025 की तिमाही समीक्षा में PPF की ब्याज दरें घटा सकती है। माना जा रहा है कि ये दरें 6.5% से नीचे जा सकती हैं। इसका कारण है – RBI द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती और बॉन्ड यील्ड में गिरावट।
कटौती की वजह क्या है?
PPF की ब्याज दरें तय करने में सरकार श्यामला गोपीनाथ समिति के फॉर्मूले को आधार बनाती है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, PPF रिटर्न को औसत 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटी (G-Sec) की उपज से 0.25% ज्यादा होना चाहिए। अभी G-Sec की उपज लगभग 6.325% है, ऐसे में इस फॉर्मूले के हिसाब से PPF रेट 6.57% के करीब होनी चाहिए। इसलिए मौजूदा 7.1% दर में करीब 52.5 बेसिस पॉइंट की कटौती संभव मानी जा रही है।
रेपो रेट में कटौती का असर
RBI ने हाल ही में 2025 में अब तक रेपो रेट में कुल 1% (100 बेसिस पॉइंट) की कटौती की है। रेपो रेट में गिरावट से बैंकों के ब्याज दरों में भी गिरावट आती है और इसका असर सीधे PPF समेत अन्य लघु बचत योजनाओं पर पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स की राय क्या कहती है?
- स्क्रिपबॉक्स के फाउंडर और CEO अतुल सिंघल ने बताया कि PPF पर ब्याज दरों में गिरावट आने से पहले लोग चाहें तो आंशिक निकासी या अकाउंट बंद करने जैसे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
- सेडानी फाइनेंशियल के मुताबिक, 7.1% की मौजूदा दर अभी भी सरकार द्वारा तय स्वीकार्य सीमा (6.55%–7.3%) में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार खुदरा निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए फिलहाल रेट्स स्थिर रख सकती है।
- 1Finance में म्यूचुअल फंड की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनी तंदले का भी मानना है कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती संभव है, क्योंकि RBI का फोकस अभी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर है।
अब तक स्थिर है PPF ब्याज
गौर करने वाली बात है कि PPF की ब्याज दर अप्रैल 2020 से अब तक 7.1% पर स्थिर बनी हुई है। ब्याज की गणना हर महीने की जाती है, लेकिन उसका भुगतान साल में एक बार किया जाता है।