Edited By ,Updated: 29 Feb, 2016 11:11 AM
शास्त्रों के अनुसार शुक्र को वैभव और विलासिता का प्रतीक माना जाता है। कालपुरूष सिद्धात के अनुसार शुक्र व्यक्ति के सातवें और दूसरे भाव पर अपना नियंत्रण रखते हैं चौथे भाव से सुख, संपन्नता वैभव और विलासिता देखी जाती है दूसरी और सांतवे भाव से दांपत्य...
शास्त्रों के अनुसार शुक्र को वैभव और विलासिता का प्रतीक माना जाता है। कालपुरूष सिद्धात के अनुसार शुक्र व्यक्ति के सातवें और दूसरे भाव पर अपना नियंत्रण रखते हैं चौथे भाव से सुख, संपन्नता वैभव और विलासिता देखी जाती है दूसरी और सांतवे भाव से दांपत्य सुख, जीवनसाथी, बिजनेस में सक्सैस और धन आगमन भी देखा जाता है। शुक्र का बिगड़ना कुण्डली में विभिन्न तरह की समस्याएं पैदा करता है। दांपत्य क्लेश, जीवनसाथी से टकराव, धन का नाश होना, तलाक, अकस्मात धन की हानि, गृह क्लेश दांपत्य संबंधों में नीरसता आना शुक्र का बुरा प्रभाव देने का एक बड़ा कारण है उचित ढंग के कपड़े न पहनना।
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भारतीय संस्कृति तन को ढक कर व्यक्ति को सभ्य और सौम्य रहने का रास्ता दिखाती है। कुछ विशेष प्रकार के कपड़े पहनने से न केवल व्यक्ति का चरित्र हनन होता है अपितु व्यक्ति को शुक्र से संबंधित सस्याओं से दो चार भी होना पड़ता है। कपड़ो के दोष इस प्रकार हैं
* कभी भी फटे हुए कपड़े न पहनें।
* जो कपड़े उधड़ गए हों उन्हें कभी न पहनें, सीलने के बाद ही पहनें।
* टोर्न जीन्स न पहनें।
* ऐसे कपड़े जिनको पहनने से लज्जा महसूस हो अथवा देखने में बुरे लगें।
* ऐसे कपड़े जिन में से रोएं अथवा रेशे निकले हों।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com