Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Jun, 2025 03:39 PM

कोरोना वायरस की कई लहरों ने दुनिया भर में लोगों को प्रभावित किया है और इसके साथ ही हम सभी ने पहले दो डोज फिर बूस्टर डोज लिए हैं लेकिन अब एक अहम सवाल उठता है कि क्या बूस्टर डोज के बाद भी तीसरी बार वैक्सीन लगवाना ज़रूरी है? क्या यह सुरक्षित है? और किन...
नेशनल डेस्क। कोरोना वायरस की कई लहरों ने दुनिया भर में लोगों को प्रभावित किया है और इसके साथ ही हम सभी ने पहले दो डोज फिर बूस्टर डोज लिए हैं लेकिन अब एक अहम सवाल उठता है कि क्या बूस्टर डोज के बाद भी तीसरी बार वैक्सीन लगवाना ज़रूरी है? क्या यह सुरक्षित है? और किन लोगों को इसकी ज़रूरत पड़ सकती है? आइए जानते हैं इस अहम सवाल का जवाब क्या है।
क्या तीसरी वैक्सीन डोज संभव है?
कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में दो डोज की वैक्सीन को वायरस से पर्याप्त सुरक्षा के लिए पर्याप्त माना जा रहा था लेकिन समय के साथ नए वेरिएंट्स सामने आए और वैज्ञानिकों ने पाया कि एक समय के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता कम होने लगती है। इसीलिए बूस्टर डोज की शुरुआत हुई जो आमतौर पर दूसरी डोज के छह महीने बाद दी जाती है।
हालांकि यदि आपने पहले से बूस्टर डोज ले ली है और अब एक अतिरिक्त डोज की बात कर रहे हैं तो ध्यान दें कि भारत में सरकारी गाइडलाइन्स के अनुसार वर्तमान में चौथी डोज की अनुमति नहीं है। हालांकि कुछ निजी संस्थान या अन्य देशों में चौथी डोज दी जा रही है खासकर बुज़ुर्गों और बच्चों को लेकिन भारत में फिलहाल ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है।
किन लोगों को अधिक सतर्क रहना चाहिए?
कुछ खास समूहों के लोगों को अपनी इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है और उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेकर वैक्सीन की आवश्यकता का आकलन करना चाहिए:
- 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग
- जिन्हें डायबिटीज, हृदय रोग या किडनी संबंधी बीमारी है
- जिन लोगों को कैंसर है
क्या वैक्सीन बार-बार लेना सुरक्षित है?
अब तक की रिसर्च से यह साफ हुआ है कि कोरोना वैक्सीन सुरक्षित हैं लेकिन बार-बार डोज लेना तभी उचित है जब इसकी वैज्ञानिक रूप से पुष्टि हो और सरकारी मंजूरी प्राप्त हो। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह और सरकारी गाइडलाइन्स के बाहर जाकर डोज लेना उचित नहीं होगा।
यदि आपने बूस्टर डोज ले ली है तो फिलहाल भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार आपको किसी अतिरिक्त डोज की आवश्यकता नहीं है लेकिन यदि भविष्य में नए वेरिएंट्स सामने आते हैं या संक्रमण की स्थिति बिगड़ती है तो संभव है कि एक और डोज की आवश्यकता महसूस की जाए।