Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Dec, 2022 10:50 AM
एक राजा के महल में एक वाटिका थी, जिसमें अंगूरों की बेल लगी थी। वहां रोज एक चिड़िया आती और मीठे अंगूर चुन-चुन कर खा जाती और अधपके व खट्टे अंगूरों को नीचे गिरा देती। माली ने चिड़िया को पकड़ने की बहुत कोशिश की पर वह हाथ नहीं आई।
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Inspirational Context- एक राजा के महल में एक वाटिका थी, जिसमें अंगूरों की बेल लगी थी। वहां रोज एक चिड़िया आती और मीठे अंगूर चुन-चुन कर खा जाती और अधपके व खट्टे अंगूरों को नीचे गिरा देती। माली ने चिड़िया को पकड़ने की बहुत कोशिश की पर वह हाथ नहीं आई। हताश होकर एक दिन माली ने राजा को यह बात बताई। यह सुनकर राजा ने चिड़िया को सबक सिखाने की ठान ली और वाटिका में छिपकर बैठ गया।
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जब चिड़िया अंगूर खाने आई तो राजा ने उसे पकड़ लिया। जब राजा चिड़िया को मारने लगा तो उसने कहा राजन, ‘‘मुझे मत मारो। मैं आपको ज्ञान की 4 महत्वपूर्ण बातें बताऊंगी।’’
राजा ने कहा, ‘‘जल्दी बता।’’
चिड़िया बोली, ‘‘हे राजन! सबसे पहले, तो हाथ में आए शत्रु को कभी मत छोड़ो।’’
राजा बोला, ‘‘दूसरी बात बता।’’
चिड़िया ने कहा, ‘‘असंभव बात पर भूलकर भी विश्वास मत करो और तीसरी बात यह है कि बीती बातों पर कभी पश्चाताप मत करो।’’
राजा ने कहा, ‘‘अब चौथी बात भी जल्दी बता दो।’’
चिड़िया बोली, ‘‘चौथी बात बड़ी गूढ़ है। मुझे जरा ढीला छोड़ दें क्योंकि मेरा दम घुट रहा है। कुछ सांस लेकर ही बता सकूंगी।’’
चिड़िया की बात सुन कर जैसे ही राजा ने अपना हाथ ढीला किया, वह उड़ कर एक डाल पर बैठ गई और बोली, ‘‘मेरे पेट में दो हीरे हैं।’’
यह सुनकर राजा पश्चाताप में डूब गया। राजा की हालत देख चिड़िया बोली, राजन ज्ञान की बात सुनने और पढ़ने से कुछ लाभ नहीं होता, उस पर अमल करने से फायदा होता है। आपने मेरी बात नहीं मानी। मैं आपकी शत्रु थी, फिर भी आपने पकड़ कर मुझे छोड़ दिया। मैंने यह असंभव बात कही कि मेरे पेट में दो हीरे हैं फिर भी आपने उस पर भरोसा कर लिया। आपके हाथ में वे काल्पनिक हीरे नहीं आए, तो आप पछताने लगे। उपदेशों को आचरण में उतारे बगैर उनका कोई मोल नहीं।